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ओडिशा में अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के निर्देश

  •  बड़ी इमारतें, कार्यालयों, होटल, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों की होगी अग्नि सुरक्षा ऑडिट

भुवनेश्वर. दिल्ली में हुई भीषण अग्निकांड को ध्यान में रखते हुए ओडिशा में अग्नि सुरक्षा गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. डीजी फायर सर्विसेज एसके उपाध्याय ने राज्य के सभी जिलों के सभी सहायक अग्निशमन अधिकारियों, सभी सर्कल के उप अग्निशमन अधिकारियों और रेंज फायर अधिकारियों को ओडिशा अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा नियम, 2017 के दिशानिर्देश को सख्ती से लागू करने को कहा है. उन्होंने होटल, लॉजिंग और गेस्ट हाउस, 12 मीटर या 1000 वर्ग मीटर से ऊपर के निर्मित क्षेत्रों के सभी शैक्षणिक भवनों, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, 12 मीटर या 3 मंजिलों से ऊपर सभी क्लिनिकल प्रतिष्ठानों की, 12 मीटर से ऊपर या 500 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र में व्यापार या कार्यालय भवन, सभागार, 500 वर्ग मीटर से ऊपर के सम्मेलन हॉल निर्मित क्षेत्र; 500 वर्ग मीटर से अधिक के गोदाम, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल, कारखाने और उद्योग आदि अग्नि सुरक्षा ऑडिट पर जोर दिया है. यह ऑडिट अधिनियमि-9 के तहत की जायेगी.
अग्नि सुरक्षा पर्यवेक्षकों की करनी होगी नियुक्ति
ओडिशा अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा नियम, 2017 के नियम-15 के तहत वर्णित भवनों के अग्नि सुरक्षा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किया गया है.
अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी प्रदर्शित करना होगा
अग्निशमन विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि नियम-17 के अनुसार राज्य के विभिन्न प्रतिष्ठानों को सभी मंजिलों में सभी विशिष्ट स्थानों पर अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी प्रदर्शित करना होगा. महानिदेशक ने सभी अग्निशमन अधिकारियों, उप अग्निशमन अधिकारियों और सहायक अग्निशमन अधिकारियों को नियम-18 के प्रावधान के तहत उपरोक्त श्रेणियों के भवनों का निरीक्षण करने और फिर नियम 19 और 20 के तहत अनुवर्ती कार्रवाई के निर्देश दिया है.
बड़ी इमारतों की होगी सुरक्षा ऑडिट
डीजी फायर सर्विसेज एसके उपाध्याय ने 21 मई तक प्राथमिकता के आधार पर सभी जिला मुख्यालय अस्पतालों, कलक्टरी और बड़ी ऊंचाई वाले ऐसे सरकारी भवनों, जहां बार-बार आवाजाही होती है, का फायर सेफ्टी ऑडिट करने का निर्देश दिया है. साथ ही सभी दमकल अधिकारियों को नियम-10 के तहत अस्थाई ढांचों में आग से बचाव व अग्नि सुरक्षा के उपाय करने के निर्देश भी दिये गये हैं.
खुली बिजली के तारों का उपयोग नहीं करने की सलाह
बाजारों में आग की दुर्घटनाओं से बचने के लिए खुली बिजली के तारों का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है. साथ ही फायर स्टेशन अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे व्यस्त बाजारों, स्थानों, दैनिक बाजारों आदि में अग्नि सुरक्षा और आग की रोकथाम में सामुदायिक भागीदारी को लेकर विभिन्न बाजार समितियों के साथ समन्वय स्थापित करें.

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