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ओडिशा में सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 शुरू

  • राज्य सरकार ने मां और बच्चों के लिए निवारक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया

  • महिलाओं और बच्चों के पूर्ण टीकाकरण कवरेज को मिलेगा बढ़ावा

भुवनेश्वर. राज्य सरकार ने मां और बच्चों के लिए निवारक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत लक्षित महिलाओं और बच्चों के पूर्ण टीकाकरण कवरेज को बढ़ावा दिया जायेगा तथा इसके लिए सात मार्च से राज्य में सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 शुरू किया गया है.

मंगलवार को मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में डिजिटल मोड पर आयोजित आईएमआई की राज्य संचालन समिति में मिशन के तौर-तरीकों पर चर्चा की गयी.

अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए महापात्र ने समुदाय के नेताओं, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी के साथ जमीनी स्तर पर जागरूकता और लामबंदी गतिविधियों को मजबूत करने के निर्देश दिया.

उन्होंने संबंधित विभागों को विशेष रूप से महिला एवं बाल कल्याण विभाग, स्कूल और जन शिक्षा, पंचायती राज और पेयजल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक विकास, आवास और शहरी विकास, श्रम और ईएसआई, खेल और युवा मामले, जनसंपर्क और सूचना विभाग को भी निर्देश दिया कि सूक्ष्म योजनाओं के अनुसार जमीनी स्तर पर टीकाकरण सुनिश्चित किया जाये. साथ यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी योग्य बच्चा या गर्भवती मां इस अभियान में पूर्ण टीकाकरण कवरेज के बिना नहीं रह गई हो.

उन्होंने यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि इस मिशन के दौरान चल रहे कोविद टीकाकरण प्रभावित न हों. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राजकुमार शर्मा ने चर्चा के लिए मिशन की विभिन्न रूपरेखाओं को रेखांकित किया. बैठक में निर्णय लिया गया कि निर्धारित तिथियों पर टीकाकरण का समय समुदाय की सुविधा के अनुसार होगा और टीकाकरण शिविर उनकी आसान पहुंच के भीतर होगा.

शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 90.5% पूर्ण टीकाकरण के साथ शीर्ष पर है. आम तौर पर पूर्ण टीकाकरण में पोलियो, तपेदिक, पीलिया, डिप्थीरिया, हूपिंग कफ, टेटनस, हिब ब्रेन फीवर, निमोनिया, खसरा, रूबेला, डायरिया, जापानी बुखार आदि सहित 12 विभिन्न प्रकार की बीमारियों के खिलाफ निवारक खुराक शामिल हैं.

राज्य के कुल 20 जिले पूर्ण टीकाकरण में 90% से ऊपर हैं और 10 जिले 90% से नीचे हैं. शर्मा ने कहा कि वर्तमान आईएमआई 4.0 के तहत उठाए जाने वाले जिलों के चयन के लिए 5 चरण सहित एक समग्र सूचकांक को अपनाया गया था.

निदेशक परिवार कल्याण डॉ विजय पाणिग्राही ने अपडेट पेश करते हुए कहा कि कटक, गंजाम, झारसुगुडा, केंद्रापड़ा, केंदुझर, कोरापुट, खुर्दा, मालकानगिरि, मयूरभंज, संबलपुर और सुंदरगढ़ 12 जिलों को समग्र सूचकांक मूल्यांकन के अनुसार आईएमआई के तहत शामिल करने के लिए चुना गया था.

इसके अलावा डॉ पाणिग्राही ने कहा कि टीकाकरण अभियान तीन राउंड में किया जाएगा, जिसमें विभिन्न टीकों की अलग-अलग खुराक दी जाएगी. लक्षित आबादी असंबद्ध या आंशिक रूप से टीकाकृत गर्भवती महिलाएं और 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे होंगे. पहला राउंड 7 मार्च से, दूसरा राउंड 4 अप्रैल से और तीसरा राउंड चालू वर्ष के 2 मई से शुरू होगी. प्रत्येक राउंड की अवधि सात दिनों की होगी. मुख्य सचिव महापात्र ने घरों में जन्म लेने वाले बच्चों, आस-पास के शहरों में पलायन करने वाले लोगों के बच्चों, खानाबदोश जनजातियों, ईंट भट्ठा श्रमिकों, निर्माण स्थलों पर काम करने वाले, शहरी मलिन बस्तियों, अनाथालयों, जेलों, दुर्गम क्षेत्रों में काम करने वालों के कवरेज पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए.

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