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चुनावी गड़बड़ी को लेकर भाजपा और बीजद का धरना

  •  राज्य चुनाव आयोग से दोनों ने की कार्रवाई की मांग

  •  कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने सत्तारूढ़ बीजद पर तीखा हमला बोला

भुवनेश्वर. राज्य में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चार चरणों के दौरान हुई हिंसा, गड़बड़ी और हमले के मामले में बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और सदस्यों ने बुधवार को यहां राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये. चल रहे पंचायत चुनावों के दौरान चुनाव से संबंधित गड़बड़ी को लेकर दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
भुवनेश्वर (मध्य) विधायक अनंत नारायण जेना ने सवाल किया कि बीजद द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद एसईसी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. विपक्षी दल के कार्यों पर तत्काल जांच और कार्रवाई होनी चाहिए. इनके ऊपर मतदान एजेंटों पर हमला करना, मतपेटियों की लूट और मतदान दलों और मतदाताओं को धमकी देने का आरोप लगाया है.
बीजद नेता ने आरोप लगाया कि उन्होंने एसईसी के साथ आठ बार चुनावी हिंसा का मुद्दा उठाया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जेना ने कहा कि भाजपा समर्थक हमारे एजेंटों का अपहरण कर रहे हैं, मतपेटियों को फेंक रहे हैं, मतदान कर्मचारियों को आतंकित कर रहे हैं, धमका रहे हैं और मतदाताओं को गालियां दे रहे हैं. जेना ने कहा कि हम इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं. ये आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन के मामले हैं.
इधर, भाजपा नेता सुरथ बिस्वाल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सभी सरकारी अधिकारियों को बीजद के समर्थन में प्रचार करने के लिए मजबूर कर रहा है. सबूत पेश करने के बावजूद राज्य चुनाव आयुक्त इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. एसईसी एक पक्षपाती रवैया प्रदर्शित कर रहा है.
चुनाव प्रबंधन पर नाराजगी जताते हुए राज्य भाजपा नेताओं ने भी बुधवार को राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में धरना दिया. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा पंचायत चुनाव के दौरान सरकारी अधिकारी सत्ताधारी दल की हर संभव मदद कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बूथों पर हिंसा, बूथ कैप्चरिंग और उनके एजेंटों पर हमले के मामलों में, न तो जिला प्रशासन और न ही पुलिस उनके हस्तक्षेप के बाद भी उनके बचाव में आ रही है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ बीजद पार्टी के सदस्यों ने पंचायत चुनावों को एक मजाक बना दिया है. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को उस पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. घोर उल्लंघन के सबूत के साथ शिकायतें दर्ज करने के बावजूद, एसईसी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
वहीं, कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने सत्तारूढ़ बीजद पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी के अलावा कोई भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में हिंसा को बढ़ावा नहीं दे रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी से लेकर प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) तक सभी सत्ताधारी दल के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने एसईसी से स्ट्रांग रूम की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिक सक्रिय और सतर्क रहने का आग्रह किया.
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पद्माकर गुरु ने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त असहाय प्रतीत होते हैं. अब तक, राज्य के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि कैसे एक असहाय एसईसी चुनाव का प्रबंधन कर रहा है. हालांकि, राज्य में तीनों मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोपों पर एसईसी की प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

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