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नक्सल मुक्त होगा ओड़िशा-आन्ध्र बार्डर

  • केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं को नक्सली क्षेत्र में पहुंचाने में है बीएसएफ का अहम योगदान

  • 26 जनवरी नक्सली क्षेत्र में बीएसएफ शुरू करने जा रही है बोट एम्बुलेंस योजना: लाभावान्वित होंगे सीमांत इलाके के 8 से 10 हजार लोग

भुवनेश्वर. नक्सल प्रभावित ओड़िशा के मालकानगिरी एवं कोरापुट जिले को बहुत जल्द नक्सली गतिविधि से मुक्ति मिलने जा रही है. यह कहना है बीएसएफ आईजी सतीश चन्द्र बुडाकोटी का.
यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बीएसएफ आईजी ने कहा कि इन जिलों में बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की तरफ से स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ना सिर्फ 24 घंटे आपरेशन चलाए जा रहे हैं बल्कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजानाओं में भी लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर लोगों को स्वास्थ्य से लेकर तमाम बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है. सड़क से लेकर बिजली एवं स्वास्थ्य एवं टेली संपर्क की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा रही है. इसी के तहत आगामी 26 जनवरी से सीमांत क्षेत्र में बीएसएफ ने बोट एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है. इस पत्रकार सममेल में बीएसएफ के आईजी सतीश चन्द्र बुडाकोटी के साथ डीआईजी धीरेन्द्र कुमार एवं डीआईजी विपुल बीर गोसाई, टूआईसी ईश्वर चन्द्र कुमार प्रमुख उपस्थित थे.
बीएसएफ आईजी सतीश चन्द्र बुडाकोटि ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सीमांत इलाके में बोट एम्बुलेंस सेवा शुरू हो जाने से इलाके के 30 से 32 गांव के 8 से 10 हजार लोगों को लाभ मिलेगा. इसके लिए हमारी पूरी तरह से रूपरेखा तैयार हो गई है. उन्होंने ओड़िशा को नक्सल मुक्त होने में बीएसएफ के योगदान का वर्णन करते हुए बताया कि स्वाभिमान अंचल जो कि माओवादियों का स्वतंत्र क्षेत्र हुआ करता था आज उसे लगभग मुक्त कर दिया गया है. गुरुप्रिया पुल को वर्ष 2018 में बीएसएफ के सुरक्षा कवच के तहत शुरू किया गया. जिसने स्वाभिमान अंचल के 9 ग्राम पंचायतों के 151 गांवों के लगभग 30 हजार निवासियों को मुख्य भूमि से जोड़ा और इस क्षेत्र में विकास को नया आयाम मिला. यह क्षेत्र अब मालकानगिरी जिले का नया पहचान बन गया है. कोरापुट जिले के नारायणपाटना और बंधुगांव इलाके, जो कभी माओवादियों का गढ़ हुआ करता था, आज माओवादि से मुक्त है. बीएसएफ ने कोरापुट और मालकानगिरी जिले में विभिन्न विकास गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नागरिक प्रशासन को आवश्यक एवं अनुकूल माहौल प्रदान किया. नक्सल द्वारा जबरन गांजे की खेती के लिए उपयोग की जाने वाली कृषि भूमि का उपयोग अब अन्य फसलों के लिए किया जा रहा है. दोनों जिलों में निजी एवं सरकारी परिवहन दिन रात निर्बाध रूप से जारी है. माओवादियों की हिंसक गतिविधियों को काफी हद तक नियंत्रितकिया गया है और वे नगण्य हो गए हैं. व्यापार और कृषि गतिविधि सामान्य स्थिति में लौट आयी है. मोटू बीज के निर्माण ने तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश के साथ नए रास्ते खोल दिए हैं. बीएसएफ के लगातार आपरेशन एवं उपस्थिति के कारण स्वाभिमान अंचल और मालकानगिरी जिले के अन्य हिस्सों में नए पुलिस स्टेशन बन गए हैं. मालकानगिरी के लोगों के िलए चिकित्सा सुविधा वर्ष 2016 में मालकानगिरी जिले में एक नए जिला मुख्य अस्पताल की स्थापना के साथ नई उचाइयों को छुआ है. हाल ही में स्वाभिमान अंचल के बाड़पदा में आईसीयू, सुविधाओं के साथ 50 बिस्तरों वाला स्वास्थ्य केन्द्र बीएसएफ द्वारा बनाया गया है. बीएसएफ के सहयोग और सुरक्षा से अब आंतरिक क्षेत्र में और नए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं. बीएसएफ ने उक्त इलाके में विकास के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर वह तमाम बुनियादी कार्यक्रम कर रही है जिससे इलाके से नक्सल गतिविधि पूरी तरह से खत्म हो जाए.

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