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ओडिशा में कोरोना संक्रमण की दो गुणा की गति रूकी, लेकिन सतर्कता जरूरी

  •  75,000 से अधिक सक्रिय मामलों में से 1,200 ही मरीज हैं अस्पतालों में भर्ती

भुवनेश्वर. ओडिशा में ओमिक्रॉन के साथ कोरोना की बढ़ती रफ्तार थमती नजर आ रही है. जनवरी के शुरुआती दिनों की दो गुणा की गति अब थमती नजर आ रही है. बीते दो तीन दिनों से कोरोना संक्रमण के कुल मामले 10 हजार के पार ही दर्ज हो रहे हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है. एक दो दिनों के आंकड़े देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. यह जानकारी राज्य सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने सोमवार को देते हुए कहा कि राज्य पिछले पांच दिनों से दैनिक कोविद मामलों में 10 हजार अंक को तोड़ना जारी है, लेकिन कोविद-19 मामलों की वृद्धि दर और दोगुने होने का समय थोड़ा कम हो गया है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ओडिशा में 75,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं. इसमें से 1,200 मरीज अस्पतालों में हैं. अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम है. यह दर्शाता करता है कि सकारात्मक मामले बढ़ने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि हमें स्थिति पर नजर रखनी होगी, क्योंकि यह अनुमान है कि मामले बढ़ सकते हैं.
मिश्र ने आगे कहा कि हालांकि विकास दर में गिरावट और संक्रमण के मामलों के दोगुणा होने का समय है. कम से कम एक महीने के लिए स्थिति देखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक या दो दिनों में देखे गए रुझान पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं है.
मिश्र ने ओमिक्रॉन का पता लगाने वाले आरटी-पीसीआर किट की जानकारी देते हुए कहा कि इसे मुंबई स्थित टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटा एमडी) द्वारा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है. यह किट ओमिसुर जल्द ही सभी जिला प्रशासन को वितरित किया जाएगा.
टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक गिरीश कृष्णमूर्ति ने पहले कहा था कि ओडिशा देश का पहला राज्य है, जिसने लगभग 5 लाख ओमिक्रॉन परीक्षण किट का ऑर्डर दिया है.
इसके अलावा, खुर्दा और सुंदरगढ़ में बढ़ते सकारात्मक मामलों पर मिश्र ने कहा कि पहली और दूसरी लहर के दौरान दो जिलों में परीक्षण सकारात्मकता दर (टीपीआर) अधिक थी. इस बार भी खुर्दा और सुंदरगढ़ में टीपीआर ज्यादा है.
मिश्र ने कहा कि जुकाम और खांसी से पीड़ित लोगों को घर पर खुद को अलग करना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो परीक्षण करना चाहिए. इसके अलावा उन्हें चिकित्सकों की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए और अनावश्यक स्टेरॉयड और दवाओं के सेवन से बचना चाहिए.

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