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चक्रवाती तूफान का खतरा मंडराया, कटक-भुवनेश्वर में होगी भारी बारिश

  • चार दिसंबर को लैंडफाल करने की संभावना

  • लैंडफाल के स्थान को लेकर मौसम विभागों की अलग-अलग भविष्यवाणी

भुवनेश्वर. दिसंबर के महीने में एक बार चक्रवात दस्तक देने वाला है. विभिन्न मौसम विभागों ने आशंका जतायी है की तीन दिसंबर को बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनेगा और चार दिसंबर को यह लैंडफाल करेगा. हालांकि लैंडफाल को लेकर मौसम विभाग एकमत नहीं हैं. संभावना जतायी जा रही है कि यह चार दिसंबर को पश्चिम बंगाल या आंध्र प्रदेश में लैंडफाल करेगा. बंगाल की खाड़ी में बनने वाले इस चक्रवाती तूफान से ओडिशा सहित देश के पूर्वी तटीय राज्यों के लिए एक बड़ा खतरा है.

30 नवंबर को बनेगा निम्न दबाव का क्षेत्र

प्रमुख मौसम मॉडल एनसीईपी-जीएफएस, ईसीएमडब्ल्यूएफ, एसीसीईएसएस-जी3, आईएनसीओआईएस और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी)  ने भविष्यवाणी की है कि एक कम दबाव का क्षेत्र 30 नवंबर को निकोबार द्वीप समूह के करीब बनेगा और अगले 18 घंटों में एक अच्छी तरह से चिह्नित होकर आगे विकसित होगा. इसके बाद 30 नवंबर से तीन दिसंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की उत्पत्ति की भविष्यवाणी की है.

एनसीईपी-जीएफएस, ईसीएमडब्ल्यूएफ, एसीसीईएसएस-जी3, आईएनसीओआईएस मॉडल डेटा के अनुसार, जैसे ही सिस्टम अंडमान समुद्र से बंगाल की दक्षिण खाड़ी की ओर बढ़ेगा, वैसे ही डिप्रेशन में तब्दील होगा. डिप्रेशन में इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में मध्य आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है.

मॉडल मापदंडों पर नज़र डालने से पता चलता है कि केंद्रीय दबाव 990-1000 एमबी के बीच मंडराने का अनुमान है और इससे जुड़ी हवा की गति लगभग 83 किमी प्रति घंटा पर मंडराने का अनुमान है. इसके बाद यह तेज होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगी, लेकिन भीषण चक्रवात नहीं होगा.

पश्चिम बंगाल या आंध्र प्रदेश में करेगा लैंडफाल

आईएनसीओआईएस की भविष्यवाणी के अनुसार, पूर्वानुमानित चक्रवाती तूफान कृष्णा और पूर्वी गोदावरी जिलों के बीच 4 दिसंबर की मध्यरात्रि के दौरान लैंडफाल करेगा. ईसीएमडब्ल्यूएफ ने भी यही संभावना जतायी है.

एनसीईपी-जीएफएस और एसीसीईएसएस-जी3 ने भविष्यवाणी की है कि चक्रवाती तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा के आसपास तट के करीब जाएगा, लेकिन उत्तर-पूर्व दिशा में एक वक्र लेगा और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ेगा तथा चार-पांच दिसंबर को पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना जिला में लैंडफॉल. उनके पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तर पश्चिमी हवा चक्रवाती तूफान को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों की ओर मोड़ देगी.

 

तीन दिसंबर से ओडिशा पड़ेगा प्रभाव

इस चक्रवात के प्रभाव में ओडिशा में 3 दिसंबर की सुबह से बारिश होगी. 4 दिसंबर की सुबह तक भुवनेश्वर और कटक में मध्यम से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है.

 

4 दिसंबर को राज्य के लगभग आधे हिस्से में मध्यम से भारी वर्षा होने का अनुमान है. तटीय जिलों मयूरभंज और केंदुझर में बारिश की भविष्यवाणी की गई है. पुरी में भारी बारिश हो सकती है. 5 दिसंबर को पूरे राज्य में इस प्रणाली के प्रभाव के तहत मध्यम से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.

एनसीईपी ने 50-100 मिमी प्रति 24 घंटे की वर्षा की भविष्यवाणी की है, जबकि आईएमडी ने 40-70 मिमी प्रति 24 घंटे वर्षा की भविष्यवाणी की है.

संबलपुर, देवगढ़, अनुगूल, ढेंकानाल जिलों में 6 दिसंबर को भारी बारिश का अनुमान है. इसके अलावा, तटीय जिलों में 4-6 दिसंबर को 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है.

राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में 4 दिसंबर को प्रति 24 घंटे में लगभग 70 मिमी रिकॉर्ड हो सकती है. भुवनेश्वर में 4 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच हवा की गति 33 – 57 किमी प्रति घंटे की सीमा में होगी. 3 दिसंबर से बादल छाए रहेंगे.

भारी बारिश और तेज हवा के कारण तटीय जिलों में कटाई के लिए तैयार धान की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है.

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