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ओडिशा में हर तीसरा व्यक्ति गरीब, गरीबी के मामले में राज्य देश में नौवें स्थान पर

  • राज्य की 29.35% आबादी बहुआयामी रूप से गरीब

  • नीति आयोग द्वारा प्रकाशित नवीनतम राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक बेसलाइन रिपोर्ट में दावा

  • बिहार सबसे अधिक गरीब, केरल में सबसे कम लोग गरीब

भुवनेश्वर. प्राकृतिक संसाधनों का धनी राज्य ओडिशा गरीबी के मामले में देश में नौवें स्थान पर है. राज्य की 29.35% आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है. एनएफएचएस-4 (2015-16) पर आधारित नीति आयोग द्वारा प्रकाशित नवीनतम राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) बेसलाइन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. गरीबी में चार्ट में बिहार सबसे ऊपर है. इसकी आबादी का 51.91% बहुआयामी गरीब हैं. केरल में सबसे कम गरीबी है. इसकी आबादी का केवल 0.71% बहुआयामी गरीब हैं. नीति आयोग के राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक की ताजा रिपोर्ट को सही माने तो ओडिशा में हर तीसरा व्यक्ति गरीब है.
रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में 37.26 प्रतिशत जनसंख्या पोषण से वंचित हैं, जबकि 2.23 प्रतिशत जनसंख्या बाल और किशोर मृत्यु दर संकेतक से वंचित हैं.
इसी प्रकार, राज्य में अध्ययन के अनुसार 19.50 प्रतिशत जनसंख्या संकेतक मातृ स्वास्थ्य से वंचित है, जबकि स्कूली शिक्षा संकेतक के मुकाबले 16.66% जनसंख्या वंचित है.
इसके अलावा, संकेतक स्कूल उपस्थिति के तहत, 4.95 आबादी वंचित है, जबकि खाना पकाने के ईंधन संकेतक के तहत राज्य की 80.94% आबादी वंचित है.
इसके अलावा, संकेतक स्वच्छता के तहत राज्य की 70.43 फीसदी आबादी वंचित है, जबकि संकेतक के तहत राज्य की 20.97 फीसदी आबादी पीने के पानी से वंचित है.
इसके अलावा, संकेतक बिजली के तहत 13.37% आबादी वंचित है, जबकि संकेतक आवास के तहत 55.81% आबादी वंचित है.
इस रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने नवीन पटनायक सरकार पर हमला बोल दिया है. भाजपा ने नवीन पटनायक की नेतृत्व वाली सरकार को विफल सरकार करार देते हुए निशाना साधा है. कांग्रेस ने राज्य सरकार को समाज के निचले पायदान के उत्थान में विफल रहने का नारा दिया है.
नवीन पटनायक सरकार रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी – भाजपा
गरीबी सूचकांक में ओडिशा के स्थान को लेकर भाजपा नेता बिभु तराई ने हमला बोलते हुए कहा कि नवीन पटनायक सरकार ने 22 वर्षों तक राज्य पर शासन किया है, लेकिन यह सभी सरकारी योजनाओं को लागू करने में विफल रही है. नवीन पटनायक सरकार रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी, जिसके परिणामस्वरूप ओडिशा सूचकांक में नौवें स्थान पर है.
कल्याणकारी योजनाएं समाज के निचले स्तर तक नहीं पहुंच रही – कांग्रेस
इसी तरह, पूर्व राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता, रंजीब बिस्वाल ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं समाज के निचले स्तर तक नहीं पहुंच रही हैं. मुझे पता है कि राज्य सरकार इनकार करेगी, लेकिन यह सच है कि भ्रष्टाचार ओडिशा के सभी पंचायतों और ब्लॉकों तक पहुंच गया है और यही मुख्य कारण है कि ओडिशा इतना गरीब है.

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