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कोणार्क में नये सूर्य मंदिर के लिए जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग

  •  कोणार्क प्रशासन ने निर्माण पर लगाया है प्रतिबंद

पुरी. कोणार्क में चन्द्रभागा के तट पर नये सूर्य मंदिर के निर्माण पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए आज पुरी के जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की गयी है. नये कोणार्क सूर्य मन्दिर पुरी, निर्माण शाला के अध्यक्ष मुकेश जैन ने पुरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कोणार्क में चन्द्रभागा के तट पर विशाल भव्य कोणार्क सूर्य मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया था. यह मन्दिर भी उतना ही भव्य और विशाल होगा, जितना अंगेजों द्वारा बनाया गया कोणार्क में बंद सूर्य मन्दिर है.
जैन ने बताया कि साम्ब का तपस्या स्थल कोणार्क सूर्य उपासना का सिद्ध क्षेत्र है. बीते 5000 वर्षों से यहां भव्य कोणार्क सूर्य मन्दिर में पूजा अर्चना की जाती रही है, किन्तु पिछले 119 सालों से कोणार्क में सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना नहीं हो पा रही है, क्योंकि कोणार्क के विशाल भव्य कोणार्क सूर्य मन्दिर को अंग्रेजों ने सूर्य भगवान से नफरत करने के कारण 1903 में बालू भर कर बन्द कर दिया था. इसी के साथ अंग्रेजों ने यहा एक शिलापट्ट लगा रखा है कि मैं बगाल का राज्यपाल इंग्लैन्ड के राजा एडवर्ड के आदेश से यह मन्दिर बन्द कर रहा हूं. यहां पर पूजा-अर्चना करना दण्डनीय अपराध है. इस कारण कोणार्क के सूर्य मन्दिर में सूर्य उपासना के लिए प्रतिदिन आने वाले 15 हजार भक्तों का मन बहुत दुःखी होता है. दुःखी भक्तों का मानना है कि हमारा भारत अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया है, किन्तु कोणार्क का सूर्य मन्दिर आजादी के 75 साल बाद भी आजाद नहीं हुआ है.
ऐसे में कोणार्क में नूतन कोणार्क सूर्य मन्दिर निर्माण शाला द्वारा भव्य नवीन कोणार्क सूर्य मन्दिर निर्माण शुरू किये जाने से कोणार्क व पुरी सहित सम्पूर्ण ओडिशा में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी. मन्दिर निर्माण के लिए काफी संख्या में सैकड़ों किलो तराशे हुए पत्थर कोणार्क में पहुंच चुके हैं, जिसमें रथ के चक्र, स्तम्भ, मूर्तियां, घोड़े आदि शामिल हैं.
जैन ने बताया कि हम यहां पुरी के जिलाधिकारी से अनुरोध करने आये हैं कि हमारे मन्दिर की भूमि को अनुमति प्रदान करें, क्योंकि कोणार्क प्रशासन द्वारा नोटिस देकर अचानक मन्दिर निर्माण को बन्द करने का आदेश दिये जाने के कारण सम्पूर्ण ओड़िशा के भक्तों में निराशा छा गयी है. उनका मानना है कि स्वतन्त्र भारत में भी इंग्लैंड के राजा के आदेश से बंद कोणार्क सूर्य मन्दिर को न तो खोला जा रहा है और अब नया मन्दिर बन रहा है, तो उसे भी रोक दिया गया है. ऐसी परिस्थितियों में हम कोणार्क मेला क्षेत्र में सूर्य भगवान की पूजा कहां करें?
जैन ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म अबाध रूप से मानने और पूजा-अर्चना करने का मूल अधिकार दिया गया है. कोणार्क सूर्य मन्दिर के बन्द होने से कोणार्क में प्रतिदिन आने वाले 15000 भक्तों सहित करोड़ों ओड़िशा वासियों के मूल अधिकार का हनन हो रहा है.
हमारा सरकार और कोणार्क प्रशासन से अनुरोध है कि यह मन्दिर ओड़िशा के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नाम पर बन रहा है. इससे उनकी कीर्ति राजा नरसिंह देव की तरह ही युगों-युगों तक रहेगी.
पत्रकार सम्मेलन में आये भक्तजनों ने भी सरकार और प्रशासन से अनुरोध किया कि नये कोणार्क सूर्य मन्दिर निर्माण शाला द्वारा चन्द्र भागा के तट पर बनाए जा रहे नवीन कोणार्क सूर्य मंदिर के निर्माण के लिये भूमि की अनुमति प्रदान करे या इसी क्षेत्र में वैकल्पिक भूमि की व्यवस्था कराने की कृपा करें. ताकि मेला क्षेत्र में स्थित भव्य प्रतिमा वाले सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार करके यहां पर भव्य नवीन सूर्य मंदिर निर्माण किया जा सके.. इस पत्रकार सम्मेलन में पुरी की समाज सेविका रंजीता पाढ़ी व अन्य उपस्थित रहे.

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