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ओडिशा में 20 फीसदी लोगों में विकसित नहीं हुआ कोरोना का एंटीबॉडी, मिलेगी तीसरी खुराक

  • देश में सरकार कर रही है विचार, जल्द फैसला आने की उम्मीद

भुवनेश्वर. ओडिशा में 20 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित नहीं हुआ है. यह जानकारी देते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) के निदेशक अजय परिडा ने शनिवार को कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन की प्रभाव केवल 70 से 80 प्रतिशत है और ओडिशा में लगभग 20 प्रतिशत कोविद-19 टीकाकृत आबादी एंटीबॉडी विकसित नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा कि ओडिशा में टीकाकरण अभियान अच्छी गति से चल रहा है, लेकिन लगभग 20 प्रतिशत लोग आनुवंशिक क्रम में व्यक्तिगत अंतर के कारण दोहरी खुराक लेने के बाद भी एंटीबॉडी विकसित नहीं कर रहे हैं. एक एंटीबॉडी जीनोम अनुक्रमण अध्ययन के माध्यम से इस तथ्य का खुलासा किया गया है. उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ ये लोग कोविद-19 संक्रमण की चपेट में हैं. महामारी की संभावित तीसरी लहर के दौरान संक्रमण से बचने के लिए उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.

तीसरी खुराक या बूस्टर खुराक पर विचार

उन्होंने बताया कि भारत सरकार उन लोगों के लिए तीसरी खुराक या बूस्टर खुराक पर विचार कर रही है, जो वैक्सीन की दोहरी खुराक मिलने के बावजूद एंटीबॉडी विकसित नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बूस्टर खुराक के संबंध में निर्णय जल्द ही लिया जाएगा. विचार-विमर्श इस बात पर चल रहा है कि क्या कम एंटीबॉडी वाले लोगों को एक ही या अलग ब्रांड का टीका लेना चाहिए.

डेल्टा प्लस को छोड़कर वायरस का कोई नया संस्करण नहीं

परिडा ने आश्वासन दिया कि भारत में अब तक डेल्टा प्लस को छोड़कर वायरस का कोई नया संस्करण नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हमने देशभर में लगभग 600 नमूनों का परीक्षण किया है, लेकिन वायरस का कोई नया उत्परिवर्ती नहीं मिला. अगर हम पर्याप्त सावधानी बरतते हैं, तो हम महामारी की तीसरी लहर से बचने का प्रबंधन करेंगे.

तीसरी लहर अभी आनी बाकी

इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज के निदेशक डॉ अजय परिडा ने शनिवार को कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोविद-19 की तीसरी लहर अभी आनी बाकी है और इसका आगमन लोगों के व्यवहार पर निर्भर करेगा.

भुवनेश्वर में 15 दिनों में हो सकती है स्थिति में सुधार

भुवनेश्वर में मामलों की संख्या के बारे में बात करते हुए परिडा ने कहा कि चूंकि यह राज्य की राजधानी है, इसलिए शहर में लोगों की सघनता अधिक है और लोग दुकानों और बाजारों में भी भीड़ लगा रहे हैं. यहां 10 से 15 दिनों में स्थिति में सुधार हो सकती है.

 

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