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ओडिशा सरकार का पूजा में ढील देने से इनकार

  • कोरोना महामारी में जनहित में लिये गये हैं निर्णय

  • एसआरसी ने की लोगों से सहयोग की अपील

  • कहा-केरल के मौजूदा हालात से सीख लेने की जरूर

भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान मंडपों या पंडालों में पूजा के आयोजन के लिए जारी दिशा-निर्देशों में किसी भी तरह की ढील देने से इनकार कर दिया है और लोगों से सहयोग की अपील की गयी है. साथ कहा गया है कि हमें केरल के मौजूदा हालातों से सीख लेने की जरूरत हैं, जहां छूट ने कोरोना के आंकड़ों को बढ़ा दिया है.

राज्य के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप कुमार जेना ने राज्य के लोगों को एक वीडियो संबोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी नौ अगस्त के दिशा-निर्देशों के अनुसार दुर्गा की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट से कम रहनी चाहिए.

जेना ने कहा कि त्योहारों का मौसम गणेश चतुर्थी के साथ शुरू हो गया है और उसी के मद्देनजर, राज्य सरकार ने पहले पूजा और अन्य त्योहारों के आयोजन पर नौ अगस्त को एक सलाह जारी की थी. उन्होंने कहा कि यह दिशानिर्देश लोगों के हित में हैं और हम सभी को इस पर अमल करने की आवश्यकता है.

उल्लेखनीय है कि जेना का यह संबोधन ओडिशा में विपक्षी दलों द्वारा की गई मांगों की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें विशेष रूप से भाजपा ने दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान महामारी प्रतिबंधों में ढील देने की मांग की है, जिसमें मूर्तियों की ऊंचाई पर छूट भी शामिल है.

भाजपा ने मांगों को लेकर कटक में 13 सितंबर को बंद का आह्वान किया है. भुवनेश्वर में भी बंद के लिए इसी तरह का शोर मचा हुआ है.

उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त के दिशा-निर्देशों के अनुसार, पूजा केवल अनुष्ठानों के पालन के लिए इनडोर जैसी परिस्थितियों में आयोजित की जाएगी. इसके अलावा पूजा पंडालों या मंडपों को तीन तरफ से कवर किया जाएगा और चौथे पक्ष को भी इस तरह से कवर किया जाएगा कि मूर्तियों का कोई दर्शन नहीं कर पाये. आयोजन में सार्वजनिक भागीदारी नहीं होगी. सार्वजनिक दर्शन की अनुमति नहीं होगी. मूर्ति का आकार 4 फीट से कम होना चाहिए.

जेना ने कहा कि हम पिछले 18 महीनों से कोविद-19 महामारी से लड़ रहे हैं और सरकार जान बचाने के लिए सभी उपाय कर रही है. हम सरकार के सक्रिय उपायों और लोगों के समर्थन के कारण बड़े पैमाने पर सफल हुए हैं.

उन्होंने कहा कि मार्च 2020 से अब तक कोविद-19 की दो लहरें देखी गई हैं. दूसरी लहर के दौरान राज्य को लॉकडाउन और आंशिक अनलॉक की घोषणा करते हुए जीवन और आजीविका के बीच संतुलन बनाना पड़ा. उन्होंने कहा कि कई सेक्टर अभी खोले जाने बाकी हैं, जिसके कारण कुछ अब भी प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन लोगों के सबसे बड़े हित में फैसले लिए जा रहे हैं.

हालांकि, कोविद-19 की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि भारत में मामले 30,000-40,000 के बीच बने हुए हैं. ओडिशा में भी पिछले 10-15 दिनों में ज्यादातर मामले 650 और 1200 के बीच हैं. कोविद के एक नए संस्करण ने एक बार फिर देशों में भय पैदा कर दिया है. जेना ने कहा ओडिशा को केरल में जो हुआ उससे सीखने की जरूरत है, जहां ओणम त्योहार के कारण कोविद-19 का प्रसार हुआ और कुंभ मेले के बाद भी ऐसा ही हुआ था. हालांकि रथयात्रा बिना भक्तों के मनाई गई, जिसने एक मिसाल कायम की.

नुआखाई की पूर्व संध्या पर जेना ने राज्य के लोगों, विशेष रूप से पश्चिमी ओडिशा को भी बधाई दी और कहा कि लोगों को कोविद-19 मानदंडों का सख्ती से पालन करते हुए त्योहार मनाना चाहिए और भीड़ से बचना चाहिए.

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