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कोरोना की तीसरी लहर – डीएमईटी के निदेशक ने बच्चों को सुरक्षित परिवेश में रखने की सलाह दी

  • बीते दो दिनों से बच्चों को गिरफ्त में ले रहा है कोरोना

भुवनेश्वर. राज्य में कोविद-19 लॉकडाउन प्रतिबंधों में छूट के बाद धीरे-धीरे स्कूल फिर से खुलने लगे हैं और बीते तीन दिनों से कोरोना पाजिटिव बच्चों के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं. कोरोना बच्चों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है. इसे देखते हुए ओडिशा में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) के निदेशक, सीबीके मोहंती ने सोमवार को बच्चों को सुरक्षित परिवेश में रखने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि कहा कि राज्य में तीसरी लहर आने की स्थिति में 0-18 आयु वर्ग में संक्रमण अनुपातिक रूप से वृद्धि हो सकती है.

मोहंती ने कहा कि लगभग 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाया गया है,  लेकिन 0 से 18 आयु वर्ग की आबादी अभी भी वायरस के संपर्क में है. इसलिए अगर राज्य में तीसरी लहर आती है तो बच्चों और युवाओं में संक्रमण की दर बढ़ सकती है. हालांकि, संबंधित आबादी आनुपातिक रूप से संक्रमित होगी और इसकी पूर्ण संख्या की भविष्यवाणी करना अभी मुश्किल है. मोहंती ने कहा कि भारत में लगभग 12 प्रतिशत कोविद-19 संक्रमण बच्चों में हैं और अगर उस डेटा पर विचार किया जाए, तो ओडिशा में बच्चों में सकारात्मकता दर राष्ट्रीय आंकड़े के करीब है. एम्स और डब्ल्यूएचओ द्वारा किए गए एक संयुक्त शोध से पता चला है कि पहली और दूसरी लहर के दौरान इतनी ही संख्या में बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन चूंकि बच्चे ज्यादातर स्पर्शोन्मुख होते हैं और उनमें गंभीरता का स्तर कम रहता है, उनमें संक्रमण का पता लगाना मुश्किल होता है. डीएमईटी प्रमुख ने कहा कि हालांकि सीरो सर्वेक्षण से पता चला कि बच्चों और वयस्कों में संक्रमण का प्रतिशत समान है, लेकिन यह प्रकट नहीं हो सका.

स्कूल जाने वाले बच्चों को कोरोना संक्रमण से कैसे रोका जा सकता है के सवाल पर मोहंती ने सलाह दी कि हमें बच्चों को सुरक्षित वातावरण में रखना होगा, क्योंकि उनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है. स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों को खुद को कोविद-19 संक्रमण से दूर रखना चाहिए और माता-पिता को जागरूक किया जाना चाहिए कि वे अपने बच्चों को घर पर संक्रमण से कैसे दूर रख सकते हैं. यदि वयस्क लोग कोविद के उचित व्यवहार का सख्ती से पालन करते हैं, तो 0 से 18 वर्ष के बीच के लोगों को अंततः संक्रमित होने से बचाया जा सकता है.

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