Home / Odisha / दलहन पर केन्द्र सरकार की स्टाक नीति का विरोध, आंदोलन का ऐलान

दलहन पर केन्द्र सरकार की स्टाक नीति का विरोध, आंदोलन का ऐलान

  • भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने किया 16 जुलाई को दाल मिले एवं दाल की थोक मंडियां बंद करने का आह्वान

  • कोविद से परेशान व्यापारियों पर दोहरी मार है दलहन पर केन्द्र सरकार की स्टाक नीति : प्रह्लाद खंडेलवाल

  • कहा- इस नीति से व्यापारी ही नहीं किसान एवं आमभोक्ता भी होंगे परेशान

  • बढ़ जाएगी सटोरियों की भूमिका

भुवनेश्वर. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने आगामी 16 जुलाई को दाल मिलें एवं दाल की थोक मंडियों को बंद करने का आव्हान किया है. भारतीय उद्योग व्यापर मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने इस संदर्भ में यहां मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि कोविद महामारी ने पहले ही व्यापारियों की कमर तोड़कर रख दी है, ऊपर से अब केन्द्र सरकार ने पिछले दो जुलाई को स्टाक की लिमिट नीति निर्धारित दलहन व्यापारियों को दोहरी चोट देने का काम किया है. केन्द्र सरकार के इस नीति का विरोध करते हुए भारतीय उद्योग व्यापर मंडल ने उपरोक्त निर्णय लिया है.

मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने बात करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इस नई नीति के तहत एक होलसेल व्यापारी को दलहल की सभी प्रजाति को मिलाकर सर्वाधिक 200 टन रखने की अनुमति दी गई है, इससे मुक्त व्यापार प्रभावित होगा. व्यापार सटोरियों के हाथ में चला जाएगा. इसके प्रतिवाद में 16 जुलाई शुक्रवार को देश के साथ ओडिशा के सभी मंडियों एवं दाल मीलों को बंद रखने का आह्वान किया गया है.

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की नई नीति के तहत एक होल सेल व्यापारी के लिए अधिकतम 200 टन दलहन स्टाक रखने की सीमा निर्धारित की गई है. इसमें भी दाल की विभिन्न प्रजातियां शामिल हैं. उन्होंने कहा कि थोक विक्रेता के लिए 200 टन, रिटेलर के लिए 5 टन, मिलर क्रासिंग का 25 प्रतिशत (साल भर) तथा आयातक थोक विक्रेता की सीमा में ही रहेगा. इसे दालों की अधिक समर्थन मूल्य देकर खरीद करनी पड़ेगी और फिर कम कीमत पर बेचने को मजबूर होना पड़ेगा. बाजार में खरीददार ना होने से सरकार की इस नीति का नुकासन किसानों को भी उठाना पड़ेगा. स्टाक सीमा निर्धारण के कारण मंडियों के व्यापारी लिमिट मात्रा में स्टाक रखेंगे, जिससे उद्योग को भी नुकसान होगा. खंडेलवाल ने कहा कि इससे बाजार में दाल की कीमत ऊपर नीचे होती रहेगी, जिसका सीधा खामियजा आम उपभोक्ता को भुगतना पड़ेगा. स्टाक की कमी होने पर सटोरियों का भी बोलबाला हो जाएगा.

प्रह्लाद खंडेलवाल ने कहा है कि एक तरफ तो केन्द्र सरकार मुक्त व्यापार की बात करती है, दुसरी तरफ स्टाक निर्धारण की सीमा निर्धारित कर रही है. कोविद महामारी के कारण पहले से ही परेशान व्यापारियों पर यह दोहरी मार है. ऐसे में संगठन ने इस नीति का विरोध करते हुए आगामी 16 जुलाई शुक्रवार को देश के साथ ओडिशा के सभी मंडियों एवं दाल मीलों को बंद रखने का आह्वान किया गया है.

इधर, सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति ने भी केंद्र सरकार की इस नीति का विरोध किया है तथा 16 जुलाई को आहूत बंद का समर्थन किया है. यह जानकारी यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है.

Share this news

About desk

Check Also

भुवनेश्वर में विस्तारा के एक विमान आपातकालीन लैंडिंग

ओलावृष्टि के कारण विंडशील्ड में दरार आ गई भुवनेश्वर। भुवनेश्‍वर-दिल्‍ली विस्तारा के एक विमान को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *