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पारस्परिक मिलन एवं संवाद के लिए राष्ट्रीय कवि संगम की बैठक संपन्न

भुवनेश्वर. विभिन्न प्रान्तों के कार्यकर्ता कवियों के पारस्परिक मिलन एवं वैश्विक महामारी कोविद-19 के प्रभाव तथा निदान पर संवाद हेतु अखिल भारतीय राष्ट्रीय कवि संगम की बैठक गुगल मीट पर हुई. संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल की अध्यक्षता में बैठक प्रारंभ हुई, जिसमें प्रांत-अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री और इससे ऊपर के दायित्व वाले लगभग 84 कार्यकर्ता उपस्थित रहे. बैठक का संचालन करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री डॉ अशोक बात्रा ने सभी का आत्मीय स्वागत करते हुए बैठक का उद्देश्य स्पष्ट किया.

प्रारंभ में पंजाब प्रांत के अध्यक्ष पंकज कौशिक ने सुमधुर कंठ सेना की सरस्वती वंदना “मां शारदे मेरी जिह्वा पर आओ” प्रस्तुत की.

डॉ अशोक बत्रा ने पुनः स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थितियों में यह उचित प्रतीत होता है कि एक बार पूरा कवि संगम परिवार बैठे और आपस में आत्मीय संवाद स्थापित करके अपने कार्य को एक बार फिर से आगे बढ़ाने के बारे में सोचे. इस आपदा-काल में राष्ट्रीय कवि संगम परिवार के जो सदस्य हमसे बिछुड़ गए, उनका स्मरण करते हुए डॉ बत्रा ने आगे कहा कि अब ईश्वर की कृपा से स्थितियाँ सामान्य होने लगी है. अतः हमें भी हमारी योजनाओं को मूर्त रूप देने पर विचार करना चाहिए.

राष्ट्रीय सह-महामंत्री महेश कुमार शर्मा ने पूर्व संरक्षक व वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र कोहली, वरिष्ठ गीतकार कुँवर बेचेन, तमिलनाडु प्रांत के अध्यक्ष प्रदीप कुमार दास, अवध प्रांत के उपाध्यक्ष दिनेश मिश्र ‘राही’, रायबरेली के प्रभाकर मिश्र, गुवाहाटी (असम) के नीरज श्रीवास्तव व ज्योतिष कुमार देव, दरभंगा (बिहार) के शत्रुघन पासवान, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के शंभूलाल शर्मा ‘बसंत’ , दुर्ग (छत्तीसगढ़) के मुकुंद कौशल, चेन्नई के प्रदीप बाबू, राजस्थान से नरेन्द्र दाधीच, राजेन्द्र शर्मा, शांति तूफान, कवि माधव दरख, सहरानपुर (मेरठ) से राजेन्द्र राजन, हरियाणा से योगेंद्र मौदगिल व हाथरस से शायर गुलशन खान सहित सभी परिजनों का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि का आह्वान किया गया और सभी सदस्यों ने मौन धारण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

राष्ट्रीय महामंत्री डॉ बात्रा ने सुझाव दिया कि किसी सदस्य या परिजन के दिवंगत होने की सूचना मिलने पर पटल पर शोक-संदेश न भेजते हुए अध्यक्ष या महामंत्री के व्यक्तिगत निजी वाट्सएप्प पर सूचना देकर परिजनों को संबल प्रदान करना चाहिए. राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्तल ने कहा कि प्रांत या केंद्र इकाई के लेटरपैड पर संवेदना-पत्र भी प्रेषित करना चाहिए.

वर्तमान परिस्थितियों में गतिविधियों के संचालन हेतु अभिमत प्रस्तुत करने के साथ प्रत्येक प्रांत के अध्यक्ष/महामंत्री द्वारा अपने-अपने प्रांत से बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों का परिचय कराते हुए संक्षिप्त में गतिविधियां एवं भावी रूपरेखा प्रस्तुत की गई.

दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष रसिक गुप्ता ने जानकारी दी कि दिल्ली प्रांत में चार इकाइयां बनाई गईं हैं. पूर्वी दिल्ली में पीके आजाद अध्यक्ष, राजेश अग्रवाल उपाध्यक्ष व कल्पना शुक्ला महामंत्री नियुक्त की गई हैं. पश्चिमी दिल्ली में राजीव अग्रवाल को मुख्य-संयोजक तथा मनोज मिश्र व सरला मिश्र को सह-संयोजक का दायित्व दिया गया. उत्तरी दिल्ली में संदीप सजर, विनय विनम्र, मंजू शाक्या व आनंद अग्रोही तथा दक्षिण दिल्ली में कपिल गर्ग व उपेन्द्र पांडेय को दायित्व सौंपा गया है.

अध्यक्ष महाराष्ट्र मुंबई इकाई महेश दूबे ने कहा कि हम पुनः जुड़कर अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं और गतिशील होने की स्थिति में हैं. जामवंत बनकर हनुमान की शक्ति जगा रहे हैं.

दक्षिण भारत के संयोजक अनिल बौहरे ने कर्नाटक, तमिलनाडु व अंडमान-निकोबार में संचालित गतिविधियों की जानकारी देते हुए तमिलनाडु के संरक्षक गौतम खारीवाल, महामंत्री मंजू रुस्तगी व सुश्री दिव्या का परिचय कराया. कर्नाटक के अध्यक्ष अरविन्द गुप्ता ने उपाध्यक्ष डॉ मंजू गुप्ता, प्रांत महामंत्री अनीता तोमर, संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार शर्मा व संगठन महामंत्री डॉ एसए मंजूनाथ का परिचय कराते हुए कार्य आरंभ करने का सुझाव दिया.

झारखण्ड प्रांतीय इकाई के उपाध्यक्ष उदयशंकर उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा किया गया कोई भी निर्णय हमें मान्य है.

पंजाब के अध्यक्ष पंकज कौशिक के अनुसार, पंजाब इकाई गतिशील है तथा कार्य प्रारंभ करने चाहिए. संतोष गर्ग व अनिल चिंतित ने बताया कि चंडीगढ़ इकाई सक्रिय है तथा कार्य प्रारंभ करने हेतु उत्सुक है.

गुजरात प्रांत से सुरेन्द्र भोला ने कहा गुजरात प्रांत में आनलाइन कवि सम्मेलन जारी रहे हैं, हाल ही बड़ौदा इकाई का गठन किया है तथा वर्तमान स्थितियों में कार्य प्रारंभ किया जाना चाहिए.

चित्रकूट से रंजन मिश्र ने सुझाव दिया कि राम वनगमन यात्रा की पूर्णाहुति पर पुस्तक प्रकाशित होनी चाहिए. ब्रज क्षेत्र की ओर से अध्यक्ष गयाप्रसाद मौर्य व डॉ रुचि चतुर्वेदी ने कार्य प्रारंभ करने हेतु सहमति व्यक्त की.

हरियाणा इकाई से अरुण गोयल ने कार्य आगे बढ़ाने का सुझाव दिया. बलजीत जी व सुंदर कटारिया ने बताया कि जिला इकाइयां गतिमान हो रही हैं. हरियाणा प्रान्त राम वनगमन यात्रा के लिए पूरा प्रांत और पूरी कार्यकारिणी टीम एवं ज़िला टीमें पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करने को तैयार है.

उत्तरांचल से श्रीकान्त ने कोविद प्रभावितों को राशन, प्लाज्मा व ऑक्सीजन आदि सहायता उपलब्ध कराए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि अब संगठन के रुके कार्य प्रारंभ करने का समय आ गया है.

बुंदेलखंड के अजय अंजाम जी ने कार्य प्रारंभ करने का सुझाव देते हुए राम वनगमन यात्रा का ध्येय गीत तैयार किये जाने का भी प्रस्ताव रखा.

बिहार के प्रभाकर कुमार राय ने अपने प्रांत में कार्य आरंभ करने की जानकारी देते हुए कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया गया.

छत्तीसगढ़ की महामंत्री उर्मिला देवी, उपाध्यक्ष सपन सिन्हा व काव्ययात्रा संयोजक श्रीमती मल्लिका रुद्रा की उपस्थिति रही और उन्होंने कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया.

ओडिशा प्रांत के अध्यक्ष गजानन्द शर्मा व महामंत्री पुष्पा सिंघी का परिचय कराते हुए प्रांत के सह-प्रभारी साक्षीगोपाल पंडा ने ओडिशा प्रांत की ओर से कार्य प्रारंभ करने का समर्थन किया.

पूर्वोत्तर से मनोज मोदी ने असम के धनजीत तालुकदार,  पुष्पा सोनी व हेमलता गोलछा तथा मिजोरम के किंग गुन्नू घरती का परिचय कराते हुए काम आगे बढ़ाने का सुझाव दिया. जम्मू, हिमाचल व लद्दाख के प्रभारी सर्वेश मिश्र ने सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने तथा कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया.

राजस्थान प्रांत के महामंत्री किशोर पारीक ने योगेंद्र शर्मा जी व जगदीश मोहन रावत उपाध्यक्ष का परिचय कराते हुए बताया कि राम नवमी पर 7 जिलों में ऑनलाइन कार्यक्रम हुए. महाराणा प्रताप जयंती पर भी प्रांत स्तरीय कार्यक्रम की योजना बन रही है. वर्तमान परिस्थितियों में कार्य प्रारंभ करना उचित बताया.

पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अध्यक्ष शिवकुमार व्यास ने अवध प्रांत के हरीश श्रीवास्तव, अजय प्रधान, रवि तिवारी, गोरक्ष प्रांत के वेदप्रकाश जी, राजेश मिश्र व विकास भट्ट का परिचय कराते हुए विशाल कार्यक्रम की पूरी तैयारी होने से अवगत कराया.

बैठक की अध्यक्षता कर रहे कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने सभी इकाईयों का आह्वान किया कि काव्ययात्रा के संबंध में सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाना चाहिए, जिसमें कविता पोस्टर इत्यादि को शेयर किया जाना चाहिए, राष्टीय कवि संगम की ऊँचाई इस सुव्यवस्थित बैठक व उपस्थिति से प्रकट हो रही है. राष्ट्रीय कवि संगम का कार्य अब अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा है. विदेशों से जुड़ने के समाचार मिल रहे हैं. अन्य संस्थाएं हमारे कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण दायित्व देने का प्रयास कर रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि आपका कद बड़ा हो गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक ही क्षेत्र में एक से अधिक दायित्व होने पर दोनों के साथ न्याय नहीं हो पाता, इसका ध्यान रखकर ही परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेना चाहिए. अपना परिवार न बनाने के बाद भी 5000 से अधिक सदस्यों का विशाल परिवार होना अपना गौरव मानते हुए उन्होंने ये प्रेरक पंक्तियाँ उद्धृत की :-

मेरे कदमों में हजारों ताज पड़े थे,

मेरी खुद्दार तबीयत ने गवांरा नहीं किया

कवि संगम के साथ आज हजारों हाथ हैं, हजारों कदम लक्ष्य को प्राप्त करें. काम में सुरक्षा रखते हुए दायित्व बखूबी से निभाइए, यही श्रेयस्कर है.

डॉ अशोक बात्रा ने सभी उपस्थित साथियों की उपस्थिति हेतु आभार व्यक्त किया तथा राजस्थान प्रांत महामंत्री किशोर पारीक साधुवाद ज्ञापित किया. अंत में राम धुन के साथ बैठक का समापन किया गया.

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