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ग्लेशियर टूटने से सबसे ज्यादा नुकसान ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को पहुंचा

  •  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली

  •  सेना की 6 टुकड़ियां उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गईं

देहरादून, चमोली ग्लेशियर टूटने से सबसे ज्यादा नुकसान ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को पहुंचा है। आईटीबीपी ने अब तक 9-10 शव बरामद किये हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मौके पर पहुंचीं हैं। श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है। सेना की 6 टुकड़ियां उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना की गई हैं। वायुसेना के एएलएच और चीता हेलीकाप्टर स्टैंडबाय मोड पर हैं।
आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने बताया कि 150 से अधिक लोग लापता हैं। उत्तराखंड में तपोवन बांध के पास एक निर्माणाधीन सुरंग थी जहां लगभग 20 मजदूर फंसे हुए हैं। घटनास्थल पर तैनात आटीबीपी की टीम बचाव अभियान चला रही है। हम लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एनटीपीसी के प्रबंधन दल के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि साइट पर लगभग 100 कार्यकर्ता थे जिनमें से 9-10 लोगों के शव नदी से बरामद किए गए हैं। अभी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आईटीबीपी के जवान मौजूद हैं, जल्द ही भारतीय सेना की टीम भी मौके पर पहुंच रही है। आईटीबीपी के जवान तपोवन सुरंग को खोलने के लिए खुदाई कर रहे हैं जो मलबे के कारण पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है। इस बीच प्रशासन ने भी जानकारी दी है कि चमोली त्रासदी में करीब 150 लोग लापता हैं जबकि अभी तीन शव बरामद किए गए हैं।
ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और धौली गंगा पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गये हैं। जोशीमठ-मलारिया हाईवे पर बीआरओ का ब्रिज भी बह गया, यहीं पर मोजूद छह लोग अपने जानवरों के साथ बह गए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हुआ है और नदी का जल स्तर बढ़ने की सूचना मिली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस संबंध में सहायता का आश्वासन दिया है और हम इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
सेना की 6 टुकड़ियां उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना की गई हैं। भारतीय सेना ने उत्‍तराखंड सरकार और एनडीआरएफ की मदद के लिए चॉपर और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के पास स्थित मिलिट्री स्‍टेशन रेस्‍क्‍यू और रिलीफ ऑपरेशन में कोऑर्डिनेट कर रहा है। आर्मी हेडक्‍वार्टर्स से भी हालात पर नजर रखी जा रही है। सेना के करीब 600 जवानों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा जा रहा है। वायुसेना के एएलएच और चीता हेलीकाप्टर स्टैंडबाय मोड पर तैयार रखे गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मौके पर पहुंच गये हैं और तपोवन डैम पर निरीक्षण करते हुए उन्होंने बताया कि चमोली में दो बांध स्थल प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह लगभग 10.45 बजे रैनी गांव में एक आपदा की सूचना दी गई। स्थिति का जायजा लेने और आपातकालीन उपाय करने के लिए तत्काल निर्देश जारी किए गए। इसके साथ ही राज्य के आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय किया गया। मानवक्षति के बारे में अभी अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। पानी की तीव्रता चमोली तक आते-आते काफी कम हो गई है। गृह सचिव से मेरी बात हो गई है और गृहमंत्री से थोड़ी देर में बात करूंगा।
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक अशोक कुमार ने मीडिया के साथ बातचीत में जानकारी साझा की कि ऋषि गंगा पार प्रोजेक्ट में 50 से अधिक मजदूर काम करते थे। इस हादसे के बाद मजदूरों का कोई अता-पता नहीं है। इनके बह जाने की ज्यादा आशंका है। चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाइवे को ऐहतियातन बंद किया गया है। श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है। पुलिस राहत एवं बचाव तेज़ी से कर रही है।एसएसपी हरिद्वार का कहना है कि निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि हमने बाढ़ चौकियों को भी ऐक्टिव कर दिया है।
साभार-हिस

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