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मऊ में दबंगों की दबंगई से परेशान 10 परिवार ने पलायन की अनुमति मांगी

शेषनाथ राय, मऊ

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के कोपागंज थाना अन्तर्गत चेराराम के पुरा लाडनपुर गांव में दबंगों की दबंगई से परेशान तथा प्रशासन के उदासीन रवैये से तंग आकर 10 परिवार के 50 लोगों ने जिलाधिकारी से गांव से पलायन करने की इजाजत मांगी है. बताया जाता है कि 10 परिवार के पुश्तैनी रास्ते को एक पड़ोसी दबंग परिवार ने 55 दिनों से बंद कर रखा है. इससे परेशान इस परिवार के सदस्य थाना से लेकर जिलाधिकारी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार गुंडा राज को खत्म कर कानून का राज होने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, मगर इस घटना कानून व्यवस्था को पुनः एक बार कटघरे में खड़ा कर दिया है. धरातल पर कानून का कितना राज है, गरीब एवं मजबूर परिवार को शासन प्रशासन का कितना लाभ मिलता है, उसका जीता जागता उदाहरण है यह घटना. आलम यह है कि कानूनी मदद नहीं मिलने पर पीड़ित परिवार को पलायन के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, इस परिवार के 50 लोगों का मार्ग पिछले 55 दिनों से बंद है. इसके लिए प्रशासन से बार-बार गुहार लगायी गयी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई आश्वासन में ही टिक कर रही है, जिससे दबंग परिवार का मनोबल और बढ़ता ही जा रहा है. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने कहा कि इस घटना की लिखित शिकायत जिलाधिकारी से भी की गयी है, लेकिन उनके पास भी इसको देखने के लिए समय नहीं है. वहां सिर्फ मगर मिलता है तो आश्वासन. हालांकि उप-जिलाधिकारी ने मौके का मुआयना तो किया, लेकिन रास्ता खुलवाने के आश्वासन तक ही उनकी कार्रवाई सीमित रही.

जिलाधिकारी का आदेश नहीं मान रहे निचले अधिकारी
पीड़ित परिवार के सदस्य विजय राय एवं शिव कुमार राय ने आपबीती साझा करते हुए जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी के आदेश कापी को भी प्रेषित किया है. विजय राय ने बताया कि हमारी शिकायत पर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए जिलाधिकारी ने तहसीलदार एवं थाना अधिकारी को पत्र लिखा, लेकिन उनके इस आदेश को निचले अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं. थाना अधिकारी कहते हैं कि जब तक राजस्व विभाग टीम साथ में नहीं रहेगी, तब तक हम रास्ता नहीं खुलवाएंगे. थाना, तहसील एवं जिलाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाते हुए हमें आज 55 दिन हो गये हैं और इतने दिनों में हमें केवल आश्वासन ही मिला है.
दबंग परिवार के मुक्त कराया तालाब, तो रास्ता क्यों नहीं ?
इधर, स्थानीय लोगों ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि यदि प्रशासन ने दबंग परिवार के अवैध कब्जे तालाब को मुक्त कराया तो इस परिवार के रास्तों को क्यों अधर में छोड़ दिया. इसमें प्रशासन और दबंग परिवार के बीच सांठगांठ होने की चर्चा भी होने लगी है. लोगों का कहना है कि इसमें दबंग को परिवार कहीं न कहीं प्रशासनिक सहयोग प्राप्त है, जिससे वह दबंगई कर रहे हैं.

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