Home / National / पाकिस्तान के खिलाफ अपनी तैयारियों को बढ़ाएगी भारतीय वायु सेना
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पाकिस्तान के खिलाफ अपनी तैयारियों को बढ़ाएगी भारतीय वायु सेना

पाकिस्तान के खिलाफ अपनी तैयारियों को बढ़ाएगी भारतीय वायु सेना

  • वायु सेना पश्चिमी सेक्टर में अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू अड्डों पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तैनात करेगी

  • रूसी मिग-21 लड़ाकू विमान हटने के बाद स्क्वाड्रन की कमी एलसीए से पूरी करेगी वायु सेना

  • वायु सेना की जरूरत पूरी करने के लिए एचएएल हर साल 24 जेट विमानों का उत्पादन करेगा

नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ अपनी तैयारियों को बढ़ाएगी भारतीय वायु सेना। इसके तहत  भारतीय वायु सेना पाकिस्तान के खिलाफ अपनी तैयारी को बढ़ाने के लिए पश्चिमी सेक्टर में अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू अड्डों पर दुनिया का सबसे हल्का लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तैनात करेगी। इस तैनाती का उद्देश्य रूसी मिग-21 लड़ाकू विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के बाद स्क्वाड्रन की कमी को पूरी करना है। बाद में इसके उन्नत संस्करण एलसीए मार्क-1ए को भी एलओसी पर तैनात किया जाएगा।

दरअसल, अभी तक पश्चिमी क्षेत्र में दो हवाई अड्डों से मिग-21 का संचालन किया जाता था, लेकिन अब इन्हें एलसीए मार्क-1 और मार्क-1ए को शामिल करने के लिए तैयार किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए मार्क-1ए को इन्हीं हवाई अड्डों पर तैनात किया जाएगा। मौजूदा समय में वायु सेना तमिलनाडु के सुलूर में एलसीए मार्क-1 की दो स्क्वाड्रन संचालित करती है। वायु सेना रूसी मिग-21 लड़ाकू विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के बाद होने वाली स्क्वाड्रन की कमी को एचएएल से मिलने वाले एलसीए मार्क-1ए से पूरा करना चाहती है।

इस खबर को भी पढ़ेंः-मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने की भगवान श्रीराम की आरती

तमिलनाडु के सुलूर में स्थित एलसीए मार्क-1 स्क्वाड्रन को गुजरात में एक फ्रंटलाइन फाइटर बेस में स्थानांतरित करने की तैयारी है, जबकि पहली एलसीए मार्क-1ए स्क्वाड्रन राजस्थान में एक हवाई अड्डे पर बनाई जाएगी। एलसीए मार्क-1ए एलसीए मार्क-1 का उन्नत संस्करण है। फरवरी 2024 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से पहला विमान सौंपे जाने के बाद भारतीय वायु सेना एलसीए मार्क-1 की स्क्वाड्रन का निर्माण शुरू कर देगी। वायु सेना को एचएएल से 2024 से 2028 के बीच 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू जेट मिलेंगे। वायु सेना ने फरवरी, 2021 में 48 हजार करोड़ में इन विमानों का ऑर्डर दिया था। इसके बाद वायु सेना 67 हजार करोड़ की अनुमानित लागत पर 97 और एलसीए मार्क-1ए का ऑर्डर देने की तैयारी में है।

एचएएल के पास फिलहाल हर साल 16 एलसीए मार्क-1ए बनाने की क्षमता है। उत्पादन बढ़ाने के लिए नासिक यूनिट को सक्रिय किये जाने की घोषणा एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने की है। इसके बाद एचएएल हर साल कुल 24 जेट विमानों का उत्पादन करेगा। इसीलिए एचएएल ने अनुबंध के अनुसार डिलीवरी शेड्यूल से एक साल पहले 2027-28 तक सभी 83 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी करने में सक्षम हो जाएगा। एलसीए आने वाले दशक और उसके बाद भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शक्ति की आधारशिला के रूप में उभरने के लिए तैयार है।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायु सेना को लगभग 350 एलसीए संचालित करने की उम्मीद है, जिनमें मार्क-1, मार्क-1ए और मार्क-2 संस्करण शामिल हैं। इसमें से एक तिहाई विमानों का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है। भारतीय वायुसेना 100 से अधिक मार्क-2 का ऑर्डर दे सकती है, जो पांच साल में उत्पादन के लिए तैयार होंगे। एलसीए विमानों में लगने वाले एफ-414 इंजनों के लिए दुनिया की अग्रणी विमान इंजन निर्माता जीई एयरोस्पेस के साथ जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा के दौरान वाशिंगटन में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।

Share this news

About admin

Check Also

पांचवें चरण में 3 बजे तक 47.53 प्रतिशत मतदान, बंगाल में सबसे अधिक 62.72 प्रतिशत

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार को छह राज्यों और दो केंद्रशासित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *