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भागलपुर में बढ़ रहे है कैंसर के मरीज, 9 महीने में 28 मरीजों की पहचान

भागलपुर। जिले में लगातार कैंसर के मरीज की संख्या बढ़ रही है। कैंसर से भागलपुर का जगदीशपुर, सबौर, नवगछिया और पीरपैंती इलाका ज्यादा प्रभावित है। बीते दस महीने की बात करें तो 28 से अधिक कैंसर के मरीज मिले हैं। जिसमें से माउथ कैंसर के 17, ब्रेस्ट कैंसर के छह और सर्वाइकल कैंसर के चार मरीज मिले हैं। माउथ कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू नशा का सेवन है। विशेषकर गंगा किनारे के लोग इससे ज्यादा प्रभावित हैं। वजह यह भी बताई जा रही है कि गंगा के पानी मे आर्सेनिक है। साथ ही कहीं कहीं क्रोमियम की मात्रा ज्यादा होती है। जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर रोज कैंसर की स्क्रीनिंग हो रही है। यहाँ कैंसर रोगियों के ईलाज के लिए बने डे केयर सेंटर में कीमोथेरेपी और बायोप्सी भी की जा रही है। भागलपुर में अब तक चौदह हजार चार सौ दो महिला और छह हजार तीन सौ चौवालीस पुरूष में कैंसर की जाँच की गई है। नवंबर 2022 से अब तक 28 मरीजों की पहचान हुई है। जो कहीं न कहीं चिंता का विषय बना हुआ है। भागलपुर में ब्लड कैंसर, लंग कैंसर व अन्य तरह के कैंसर के मरीज मिलते ही भागलपुर से पटना के आइजीआइएमएस, महावीर कैंसर संस्थान और होमी भाभा कैंसर संस्थान में रेफर कर दिया जाता है

कलस्टर कोऑर्डिनेटर डॉ अनुराधा ने बताया कि स्टेट हेल्थ केयर सोसाइटी के सुपरविजन में बिहार के 38 जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। पहले भी कैंसर के मरीज पाए जाते थे। लेकिन लोगों के बीच जागरूकता नहीं थी। साथ ही कैंसर डिटेक्शन के बाद प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया जाता था। जिस वजह से आंकड़े छिप जाते थे। लेकिन स्क्रीनिंग होने से अब हम लोग प्री कैंसर डिटेक्शन मतलब इसके शुरुआती लक्षण को पहचान कर सही समय पर इलाज दे पा रहे हैं। यहां ओरल कैंसर की संख्या बहुत अधिक है। क्योंकि यहां के लोग तंबाकू और गुटके का ज्यादा सेवन करते हैं। साथ ही साथ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है। डॉ अनुराधा ने बताया कि गंगा और कोसी के प्रदूषण और आर्सेनिक युक्त पानी का इस्तेमाल भी कैंसर का एक मुख्य कारण हो सकता है।

होमी जहांगीर भाभा कैंसर हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर द्वारा मायागंज अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ सैयद अन्नी एजाज ने बताया कि भागलपुर जिले का सबौर का इलाका और बांका और भागलपुर जिले के बॉर्डर पर स्थित गांवों में कैंसर के ज्यादातर मरीज मिल रहे हैं। साथ ही साथ जिले के शहरी क्षेत्र में भी कैंसर के ज्यादा मरीज पाए जा रहे हैं। लोगों के बीच अगर कैंसर बीमारी को लेकर जागरूकता हो तो अधिकतर लोगों की जान बच सकती है। आर्सेनिक और क्रोमियम युक्त पानी कब सेवन से भी कैंसर का खतरा होता है। इसके लिए हमने इंडियन कैमिकल सोसायटी भागलपुर चैप्टर के अध्यक्ष शोधकर्ता डॉ अशोक झा ने बताया कि पानी मे आर्सेनिक और क्रोमियम का पानी में परमिशिबल लिमिट से अधिक होना और उसके लगातार सेवन से कैंसर होता है। कैंसर कब मरीज भागलपुर में ज्यादा मिलते हैं। उन्होंने बताया कि गंगेटिक बेल्ट में आर्सेनिक और क्रोमियम की मात्रा है।

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