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वन हेल्थ दृष्टिकोण के तहत इको सिस्टम तैयार करना खाद्य नियामकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी: डॉ. मनसुख मांडविया

नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक सतत विकास के लिए खाद्यान्न, और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर गहराई से विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वन हेल्थ दृष्टिकोण के तहत एक इको सिस्टम तैयार करना खाद्य नियामकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का काम है। संतुलित, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन हमारे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। डॉ. मांडविया गुुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित पहले वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थे। यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक प्रयास है, ताकि खाद्य सुरक्षा प्रणालियों और नियामक ढांचे को मजबूत करने पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने के लिए खाद्य नियामकों का एक वैश्विक मंच तैयार किया जा सके।
डॉ. मांडविया ने कहा कि सुरक्षित भोजन और अच्छा स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं। संतुलित, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन निवारक देखभाल के रूप में कार्य करता है और हमारे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। वन हेल्थ दृष्टिकोण के तहत एक इको सिस्टम बनाना खाद्य नियामकों का अत्यधिक जिम्मेदार काम है जो जलवायु, मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य को सामूहिक रूप से देखने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है।
वैश्विक समुदाय के कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि यह सम्मेलन इस वर्ष के भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के विषय वसुधैव कुटुंबकम- एक पृथ्वी, एक राष्ट्र के साथ पूरी तरह से मेल खाता है और पूरक है।

डॉ. मांडविया ने खाद्य स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण निर्धारक मिट्टी के स्वास्थ्य के पहलू पर हाल ही में घोषित पीएम-प्रणाम योजना की मुख्य विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि योजना किसानों को जैविक, प्राकृतिक और वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने सभी देशों से वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) की भावना से सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया क्योंकि भोजन की कमी एक वैश्विक समस्या है, जिसके लिए सहयोगात्मक वैश्विक समाधान की आवश्यकता है।
एफएसएसएआई के सीईओ जी कमला वर्धन राव ने कहा कि सुरक्षित और पौष्टिक भोजन अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है, जबकि असुरक्षित भोजन से हर साल 600 मिलियन संक्रमण और 4.2 लाख मौतें होती हैं। इस सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श होगा और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नवीन समाधान लाएगी।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023 खाद्य सुरक्षा प्रणालियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर दृष्टिकोण और ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए दुनिया भर के खाद्य नियामकों को एक साथ लाता है। वैश्विक शिखर सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्र होंगे, जो वैश्विक खाद्य नियामकों की भूमिका और जिम्मेदारियां, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौतियां और समाधान, मजबूत मानक सेटिंग, खाद्य आपातकालीन प्रतिक्रिया में नवाचार जैसे कई विषयों पर केंद्रित होंगे।
साभार -हिस
Posted by: Desk, Indo Asian Times

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