Home / National / नौसेना प्रमुख बोले- अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन सौदे से बढ़ेगी देश की सैन्य क्षमता

नौसेना प्रमुख बोले- अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन सौदे से बढ़ेगी देश की सैन्य क्षमता

  •  देश में नौसेना का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए शुरू किया गया आउटरीच मिशन

  •  लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए होगी अग्निवीरों की भर्ती


इण्डो एशियन टाइम्स, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया दौरे के समय भारत और अमेरिका के बीच हुए एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन के सौदे को भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने देश की सैन्य क्षमता बढ़ाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि इससे तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता बढ़ने के साथ ही इससे ‘इकोसिस्टम’ भी तैयार होगा। भारत को नवाचार के लिए वैश्विक मानव रहित हवाई प्रणाली केंद्र में बदलने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से तीन अरब डॉलर में 31 प्रीडेटर एमक्यू-9 रीपर ड्रोन खरीदने के सौदे को मंजूरी दी थी। अब इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से मंजूरी दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा पर एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर बड़ा सौदा किया गया है। इसी को लेकर एडमिरल आर हरि कुमार ने बुधवार को पत्रकारों से मुलाकात में कहा कि अमेरिका से रीपर ड्रोन मिलने के बाद तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता बढ़ेगी। नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है। इस ड्रोन के आने के बाद हिंद महासागर पर चीन के खिलाफ घेराबंदी और मजबूत हो सकेगी। तटीय सुरक्षा और निगरानी के लिए भारतीय नौसेना को 15 और आठ-आठ रीपर ड्रोन वायुसेना एवं थल सेना को मिलेंगे।
एडमिरल आर हरि कुमार ने पत्रकारों से भारतीय नौसेना के आउटरीच मिशन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हमने अग्निवीर योजना के साथ आउटरीच मिशन शुरू किया है। इस समय नौसेना का देश के लगभग 656 जिलों में प्रतिनिधित्व है, जिसे हम इसे 100 फीसदी करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि नौसेना में लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। इसलिए हम मणिपुर और अन्य राज्यों में जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने नौसेना में लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्र से अग्निवीरों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मणिपुर और अन्य राज्यों की यात्रा की योजना का उल्लेख किया।

नौसेना अग्निवीरों का पहला बैच इस साल 28 मार्च को नौसेना में शामिल होने के बाद नाविकों के प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए नौसेना के प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का से पास आउट हुआ। पीओपी ने करीब 2,600 अग्निवीरों के प्रशिक्षण के सफल समापन को चिह्नित किया, जिसमें 273 महिला अग्निवीर भी शामिल थीं। यह देश के किसी भी प्रशिक्षण संस्थान से अग्निवीरों का पहला पासिंग आउट था। अग्निवीरों ने भारतीय नौसेना के प्रमुख नाविकों के प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का में 16 सप्ताह का प्रारंभिक प्रशिक्षण लिया। सफल प्रशिक्षुओं को उनके समुद्री प्रशिक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया गया।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना भी कई दूर-दराज के इलाकों में तैनात है। हर कोई स्वतंत्र और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक की बात कर रहा है। भारत के व्यापार का अधिकांश हिस्सा समुद्र के रास्ते जाता है, इसलिए भारत के लिए समुद्र बहुत महत्वपूर्ण है।
साभार -हिस
Posted by: Desk, Indo Asian Times

Share this news

About admin

Check Also

MODI

पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं ममता : नरेंद्र मोदी

उत्तर प्रदेश को भी पश्चिम बंगाल बनाना चाहते हैं अखिलेश यादव पुरानी बुआ ने किया …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *