Home / National / फार्मा का हब बनेगा उप्र, योगी सरकार ला रही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी

फार्मा का हब बनेगा उप्र, योगी सरकार ला रही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी

  •  यूपी-जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने को नई पॉलिसी

  •  प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने को सब्सिडी और प्रोत्साहन की मिलेगी सहूलियत

लखनऊ, उत्तर प्रदेश को फार्मा का हब बनाने के प्रयास में जुटी योगी सरकार जल्द ही नई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-2023 लेकर आने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर हाल में एक बैठक में वर्ष 2018 की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री पॉलिसी-18 में महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर चर्चा की।

वर्ष 2018 में नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लायी गयी थी। ऐसे में यूपी-जीआईएस-23 में फार्मा क्षेत्र में आए निवेश प्रस्तावों को देखते हुए योगी सरकार ने पॉलिसी में कुछ अहम बदलावों की आवश्यकता महसूस की है। इसके चलते नई फार्मास्युटिकल पॉलिसी लाने का निर्णय किया गया है। सरकार इसके ड्राफ्ट पर कार्य कर रही है। नई पॉलिसी लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों तक मान्य होगी।

मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि नई नीति का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार करके राज्य के फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में सुधार करना है। नई नीति प्रदेश में फार्मा के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने पर केंद्रित है। योगी सरकार प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा इंडस्ट्री को सब्सिडी, प्रोत्साहन और भूमि आवंटन करने पर फोकस कर रही है।
उन्होंने बताया कि नीति का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अनुसंधान और विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। नई फार्मा पॉलिसी को स्थानीय अर्थव्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है, जिसमें फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को विशेष तकनीक, गुणवत्तापूर्ण नियंत्रण प्रणाली और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर फोकस किया जा रहा है।
ब्याज पर भी मिलेगा अनुदान

नई पॉलिसी के तहत योगी सरकार इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन की खरीदारी के लिए बैंक से लिए गए कर्ज पर अधिकतम 07 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देगी, जो प्रति वर्ष अधिकतम 01 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। नई पॉलिसी में फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य एलोपैथिक, आयुष उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और थोक दवा निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्री, दवा के बल्क निर्माण के लिए भूखंड की पहचान करना है और पार्क को विकसित करना है। मालूम हो कि फरवरी में राजधानी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-23 में 212 कंपनियों ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में रुचि दिखायी थी, जिसमें लगभग 28 हजार 402 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इससे 57000 रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
साभार -हिस

Share this news

About desk

Check Also

भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा है विपक्षी दलों का गठबंधन : जेपी नड्डा

चित्रकूट। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चित्रकूट की चुनावी जनसभा में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *