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श्रीलंका-भारत की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘स्लिनेक्स’ शुरू

  • स्लिनेक्स अभ्यास भारत-श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच गहरे समुद्री जुड़ाव का उदाहरण

  •  समुद्री गश्ती विमान, हेलीकॉप्टर और दोनों पक्षों के विशेष बल भी अभ्यास में भाग लेंगे

नई दिल्ली, भारत और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास स्लिनेक्स का दसवां संस्करण कोलंबो में शुरू हुआ है। समुद्री अभ्यास का बंदरगाह चरण 05 अप्रैल तक और समुद्री चरण 08 अप्रैल तक श्रीलंका के समुद्र तट पर होगा। इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। श्रीलंका-भारत के बीच स्लिनेक्स का पिछला संस्करण मार्च, 2022 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था।

नौसेना प्रवक्ता के अनुसार इस द्विपक्षीय अभ्यास में श्रीलंका नौसेना का प्रतिनिधित्व एसएलएनएस गजबाहू और एसएलएनएस सागर कर रहे हैं। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस किलटन, स्वदेशी कामोर्टा वर्ग एएसडब्ल्यू कार्वेट और अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सावित्री कर रहे हैं। इसके अलावा समुद्री गश्ती विमान, हेलीकॉप्टर और दोनों पक्षों के विशेष बल भी अभ्यास में भाग लेंगे। बंदरगाह चरण में पेशेवर, सांस्कृतिक, खेल और सामाजिक आदान-प्रदान शामिल होंगे।
समुद्री चरण के दौरान अभ्यासों में सतह और वायुरोधी हथियार फायरिंग अभ्यास, सीमैनशिप विकास, क्रॉस डेक फ्लाइंग सहित विमानन संचालन, उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास और समुद्र में विशेष बल संचालन शामिल होंगे। ये दोनों नौसेनाओं के बीच पहले से मौजूद अंतर-संचालन के उच्च स्तर को और बढ़ाएंगे। अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच दोस्ती और भाईचारे के बंधन को और मजबूत करना है। इसीलिए बंदरगाह चरण के दौरान पेशेवर, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के साथ-साथ सामाजिक आदान-प्रदान की भी योजना बनाई गई है।

स्लिनेक्स अभ्यास भारत और श्रीलंका के बीच गहरे समुद्री जुड़ाव का उदाहरण है। पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के तहत आपसी सहयोग को मजबूत करने का दायरा बढ़ा है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है।
साभार -हिस

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