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उत्तराखंड में खालिस्तानी आतंकवादियों का कोई आधार नहीं : डीआईजी एसटीएफ

देहरादून, उत्तराखंड में हो रहे जी-20 सम्मेलन की दृष्टि से लोगों को आतंकित करने के लिए प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुणवंत सिंह पन्नू के रिकार्डेड संदेश के बाबत डीआईजी एसटीएफ ने कहा कि उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस का कोई आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि पन्नू ने मुख्यमंत्री समेत कई अधिकारियों को भेजे गए हैं। पन्नू ने सीएम को धमकी देते हुए कहा है कि उनके संगठनों के लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए तो इसके लिए वे जिम्मेदार होंगे।

इस संबंध में सोमवार को मीडिया से बातचीत में डीआईजी एसटीएफ सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने कहा कि यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत जुलाई 2020 में पन्नू को आतंकी घोषित किया गया है। पन्नू अमेरिका में रहता है और न्यूयार्क में वकालत करता है। उसे सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख माना जाता है। पन्नू की ओर से रिकार्डेड संदेश कई विशिष्टजनों को मिला है, जिसमें मीडिया के कुछ आम लोग भी शामिल हैं। यह रिकार्डेड संदेश जी-20 सम्मेलन को देखते हुए सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए सबको भेजा गया है।
डीआईजी एसटीएफ ने कहा है कि हम उनके मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे। ऐसे भी उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस यानी खालिस्तानी आतंकवादियों का कोई आधार नहीं है। इसके लिए हमारे अधिकारियों ने रामनगर में हो रहे जी-20 सम्मेलन कार्यक्रम की दृष्टि से ऊधमसिंह नगर और रामनगर में लोगों को जागरूक किया है। एसटीएफ इस तथाकथित धमकी जांच कर रही है, लेकिन यह पूरी तरह सस्ती लोकप्रियता का माध्यम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पूरी तरह सतर्क है और हम ऐसे लोगों को सफल नहीं होने देंगे। इस संदर्भ में एसटीएफ ने तमाम नंबरों को जहां से धमकी आई थी जांच करना प्रारंभ कर दिया है और पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
साभार -हिस

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