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फोटो सौजन्य ः राष्ट्रपति के ट्विटर से।

राष्ट्रपति ने किए बांकेबिहारी के दर्शन, निराश्रित माताओं से किया संवाद

  • कृष्णा कुटीर की माताएं माध्यम बनी हैं, जिनकी वजह से मैं यहां आया हूं : राष्ट्रपति

  • ऐसी स्थिति न बने की महिलाएं यहां रहने के लिए आएं, वे अपने घरों में ही रहें : रामनाथ कोविंद

फोटो सौजन्य ः राष्ट्रपति के ट्विटर से।

मथुरा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को अपनी पत्नी सविता कोविंद और बेटी के साथ वृंदावन आए ।यहां उन्होंने बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी के अलौकिक दर्शन कर देहरी पूजन किया और पांच दीपक जलाए। उन्होंने कहा, “कृष्णा कुटीर की माताएं माध्यम बनी हैं, जिनकी वजह से मैं यहां आया हूं।“ बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के बाद महामहिम कृष्णा कुटीर पहुंचे। यहां राष्ट्रपति ने निराश्रित महिलाओं को 10 मिनट संबोधित करते हुए कहा कि समाज को सोचना चाहिए कि ऐसी स्थिति न बने की महिलाएं यहां रहने के लिए आएं। वे अपने घरों में ही रहें। इसके बाद तय कार्यक्रम से करीब 46 मिनट बाद हैलीकाप्टर में सवार होकर राष्ट्रपति वृंदावन से रवाना हो गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विदाई दी। राष्ट्रपति को विदा करने के बाद सीएम योगी और राज्यपाल भी हेलीकॉप्टर में सवार होकर चले गए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी और पुत्री के साथ बांकेबिहारी की नगरी वृंदावन पहुंचे। सोमवार की सुबह करीब 9.45 बजे कृष्णा कुटीर के समीप बनाए गए हेलीपैड पर राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर उतरा। यहां उनका स्वागत प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। स्वागत के बाद राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री का काफिला ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए रवाना हो गया। राष्ट्रपति के आगमन से पूर्व ही मंदिर में आम भक्तों का प्रवेश रोक दिया गया। लोकल फोर्स और अधिकारी हटाकर राष्ट्रपति के लिए आईं सुरक्षा एजेंसियों ने कमान संभाल ली। जो जहां है, उसे वहीं रोक दिया गया।
राष्ट्रपति के आगमन पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में खास इंतजाम किए गए। मंदिरों को फूलों से सजाया गया। राष्ट्रपति गोल्फ कार्ट से मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही वेद मंत्रोच्चारण के मध्य उनका स्वागत किया गया। इसके बाद गर्भगृह के सामने वीआईपी गैलरी में पहुंचे। राष्ट्रपति और उनकी पत्नीक सविता कोविंद और उनकी पुत्री को षोडशोपचार पूजन पद्धति से आचार्य अवधेश शास्त्री बादल ने वैदिक रीति-रिवाज से पूजन कराया। पूजन में ठाकुर श्रीबांकेबिहारी को इत्र, गुलाब, फल एवं मिठाई निवेदित किया। ठाकुरजी ने देशी-विदेशी फूलों की छांव में विराजमान होकर दर्शन दिए। राष्ट्रपति काफी देर तक अपलक ठाकुर बांकेबिहारी की मनोहरी छवि निहारते रहे।
राष्ट्रपति ने गुलाब जल व इत्र से देहरी पूजन किया। मंदिर में पांच दीपक प्रज्ज्वलित कर देश की सुख समृद्धि की मनौती मांगी। मंदिर परिसर में राज्यपाल, सीएम योगी और कृष्ण कुटीर की पांच महिलाएं मौजूद रहीं। बांकेबिहारी के दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति कृष्णा कुटीर पहुंचे। यहां रहने वाली माताओं ने तिलक लगाकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति आश्रय सदन में करीब एक घंटे तक रहे। इस दौरान उन्होंने माताओं से संवाद किया। राष्ट्रपति ने कृष्णा कुटीर में माताओं द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को भी देखा।
साभार -हिस

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