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Modi Govt@8: प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं की झड़ी लगा काशी को विकास के फलक पर पहुंचाया

वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक के आठ साल के कार्यकाल में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विकास के फलक पर बैठा दिया है। इन आठ वर्षों में मोदी ने परियोजनाओं की झड़ी लगा दुनिया के प्राचीनतम शहर में विकास की ऐसी ऐतिहासिक इबारत लिखी है कि उसकी न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया कायल हो रही है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य विस्तारित स्वरूप को देख दरबार में आने वाले मेहमान राष्ट्राध्यक्ष भी प्रशंसा करते नहीं थकते। धाम के बनने के बाद काशी विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार के आय में भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है। मंदिर में प्रति महीने दो करोड़ से अधिक की आय हो रही है। ऐतिहासिक नव्य दरबार का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को किया था। वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर दीपक अग्रवाल की मानें तो अगस्त 2021 में 1.76 करोड़ रुपये, सितंबर और अक्टूबर 2021 में 1.38 करोड़ रुपये और नवंबर में 1.41 करोड़ रुपये बाबा दरबार की आय हुई। दिसंबर 2021 में विश्वनाथ धाम की इनकम 2.32 करोड़ रुपये हुई थी। जनवरी 2022 में 2.44 करोड़ और फरवरी 2022 में 2.15 करोड़ रुपये आय हुई थी।
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से शहर में पर्यटन व्यवसाय को भी संजीवनी मिल गई है। वाराणसी के हनुमानपुरा जवाहर नगर निवासी शोध छात्रा राजश्री त्रिपाठी बताती हैं कि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कर प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंदिरों को नवजीवन प्रदान कर वाराणसी को धार्मिक व सामाजिक समृद्धि के केंद्र के रूप में पूरे देश में स्थापित किया है। सांस्कृतिक समन्वय व धार्मिक तथा नागरिक विकास की दृष्टि से भी काशी का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। श्री काशी विश्वनाथ धाम अपने दिव्य एवं भव्य रूप में बन गया है। यहां श्रद्धालुओं का आवागमन एवं दर्शन पूजन पहले की अपेक्षा काफी सुगम हो गया है। साथ ही हिंदू धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार अब पूरी दुनिया में हो रहा है। राजश्री त्रिपाठी बताती है कि गंगधार से एकाकार कराने वाले इस ऐतिहासिक धाम के आधुनिक स्वरूप की परिकल्पना को साकार करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदियों तक याद किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पौराणिक महत्व धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत को विश्व फलक पर नए तरीके से पेश किया है।
भारतीय जनता पार्टी के काशी क्षेत्र मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने काशी के विकास में नया अध्याय जोड़ा है। नूतनता में पौराणिकता के साथ विकास की इबारत है काशी विश्वनाथ धाम। नवरतन राठी बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आठ वर्ष के कार्यकाल में वाराणसी के साथ आसपास के जिलों पूर्वांचल में सड़कों के विकास पर खासा ध्यान दिया। इससे काशी ने अपनी पुरातन काया के साथ विकास की नई ऊंचाइयां पाई हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सात नवंबर 2014 को वाराणसी के पहले दौरे पर बड़ा लालपुर में ट्रेड फैसिलिटी सेंटर व टेक्सटाइल सेंटर की सौगात से बनारस के विकास को गति देने की नई शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने पहले वाराणसी दौरे के दूसरे दिन अस्सी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा पूजन किया था और अस्सी घाट पर फावड़ा चला श्रमदान भी किया था। पहले दौरे में ही सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जयापुर गांव को गोद लिया था। इसके बाद उन्होंने अगले दौरे 26 दिसम्बर 2014 को उन्होंने अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास 175 मीटर तक गली की सफाई कर देशवासियों से स्वच्छता अभियान में भागीदारी की अपील भी की थी।

राठी बताते हैं कि अस्सी घाट पर स्वच्छ भारत अभियान को गति देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नवरत्नों का ऐलान भी किया था। इसमें नगालैंड के तत्कालीन राज्यपाल पद्मनाभाचार्य, डॉ. किरण बेदी, नृत्यांगना सोनल मानसिंह, हास्य कलाकार कपिल शर्मा, क्रिकेटर सौरव गांगुली, आंध्र प्रदेश के इनाडु ग्रुप के निदेशक रामोजी राव, इंडिया टुडे ग्रुप के अरुण पुरी, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया और मुंबई के डिब्बावाला संगठन नवरत्नों में शामिल रहे। आठ साल के कार्यकाल में बाबतपुर वाराणसी रोड, रिंग रोड-1, लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर, बीएचयू की सुपर स्पेशियलिटी, एमसीएच विंग, कैंसर अस्पताल, पेरिसेबल कारगो, जल परिवहन, प्रधानमंत्री की पहल पर जापान सरकार की ओर से 186 करोड़ रुपये से निर्मित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सहित कई सौगातें दी हैं। इससे लोगों के जीवन में भी बदलाव आया है और आय का स्रोत बढ़ाने में भी सहूलियत मिली है।

वैश्विक महामारी कोरोना के पहली लहर के बाद नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दो हजार करोड़ रुपये की दो दर्जन से ज्यादा परियोजनाओं की सौगात देकर काशी की विकास यात्रा को जारी रखा था। कोरोना जैसी महामारी भी प्रधानमंत्री के संकल्प के आगे काशी के विकास में बाधक नहीं बन पाई। वर्ष 2021 के 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को फिर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आये थे और 2100 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया था। इसके अलावा उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये काशी के नागरिकों से संवाद भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी अपने पहले कार्यकाल में ही 12 दिसम्बर 2015 को जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ गंगा आरती में शामिल होकर दोनों देशों के सम्बंधों को परवान चढ़ाया। 12 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री मोदी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गंगा में नौका विहार किया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में 22 जनवरी को वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस में भागीदारी की।
साभार-हिस

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