Home / National / मिशनरियों को आर्थिक सहायता पर विहिप ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

मिशनरियों को आर्थिक सहायता पर विहिप ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

  • कहा-सरकार की हिन्दू विरोधी मानसिकता का परिचायक है यह मदद

  • कोविद के समय कष्टमय जीवन जी रहे मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जाता – मिलिंद परांडे

भुवनेश्वर. मिशनरियों को आर्थिक सहायता देने पर विहिप ने आज राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में इस विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ओडिशा सरकार के द्वारा 4 जनवरी को मिशनरी ऑफ चैरिटी संस्थाओं को मुख्यमंत्री रिलीफ़ फंड से 78 लाख 76 हजार की राशि प्रदान की गई. विश्व हिन्दू परिषद इस निर्णय की निंदा करती है. परांडे ने कहा कि पूज्य स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती जी की हत्या ईसाइयों के षड्यंत्रों का परिणाम था, अनेक सूत्रों से इसकी पुष्टि होती है. इस विषय पर राज्य सरकार आज तक न्याय प्रदान करने में विफल रही है. ईसाइयों के प्रति अनुकंपा और तुष्टीकरण ही इसका कारण है. ओडिशा में मिशनरियों के द्वारा अबाध रूप से धर्मांतरण चल रहा है. राज्य विधानसभा में पारित धर्मांतरण विरोधी कानून का अनुपालन करने में भी सरकार की कोई रुचि नहीं दिखायी देती. केवल 3% ईसाइयों कि तुष्टीकरण के लिए प्रदेश के 97% हिंदुओं को बार-बार आघात दिया जा रहा है. इसका तत्काल उदाहरण ओडिशा जैसे गरीब राज्य की साधारण जनता के हित के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ़ फंड की राशि मिशनरियों को दे दिया जाना है, जबकि मिशनरी ऑफ चैरिटी के विरुद्ध अनेक प्रकार के आरोप हैं.

कोविद के समय कष्टमय जीवन जी रहे मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जाता. जीर्ण अवस्था के पुराने मठों की सरकार को कोई चिंता नहीं है, प्रदेश में बालाश्रम, अनाथाश्रम सहित अनेक संस्थाएँ आर्थिक दुर्गति का सामना कर रहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कभी अपने रिलीफ़ फंड से उन संस्थाओं के प्रति सहयोग का हाथ नहीं बढ़ाया. फिर भी ईसाई मिशनरियों को उदार भाव से अनुदान देकर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का प्रदर्शन क्यों कर रही है. सरकार के इस दोहरे मापदंड व हिन्दू विरोधी मानसिकता का विश्व हिन्दू परिषद विरोध करती है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने (हरिजन) पत्रिका के 30 जनवरी 1937 के अंक में लिखा था कि मैं स्वयं धर्मांतरण की कल्पना को स्वीकारने में असमर्थ पा रहा हूँ. जिस पद्धति से धर्मांतरण, मतांतरण भारत में तथा विश्व भर में चल रहा है वह संभवत: विश्व शांति व प्रगति में बड़ी बाधा है. एक ईसाई द्वारा किसी भी हिन्दू को ईसाई बनाने की इच्छा क्यों रखनी चाहिए? एक ईसाई, यदि कोई भी हिन्दू अच्छा है या धार्मिक है, इससे संतुष्ट क्यों नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सत्ताधीशों को जो कहा था उसका स्मरण करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि भारत को भगवान भरोसे छोड़ दो. यदि यह बहुत कठिन लगता है तो भारत को अराजकता में छोड़ दो.

पत्रकार वार्ता में क्षेत्रीय संगठन मंत्री सपन मुखर्जी, राज्य सभापति प्रोफेसर प्रफुल्ल कुमार मिश्र, राज्य संगठन मंत्री आनंद कुमार पांडेय, सचिव महेश कुमार साहू, उपसभापति प्रशांत पंडा, प्रमिला गिरि, सहसचिव उमाशंकर आचार्य, बजरंग दल संयोजक मानस रंजन मोहंती तथा संगठन के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे.

Share this news

About desk

Check Also

चार सौ से अधिक सीटें जीतेगी भाजपा: प्रमोद सावंत

नई दिल्ली। दिल्ली में लोकसभा की सभी सातों सीटों पर 25 मई को मतदान होना …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *