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समाज की दृष्टि और बौद्धिक चेतना को राष्ट्र के अनुकूल बनाए रखना पत्रकार का दायित्व-लोकसभा अध्यक्ष

नई दिल्ली, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि पत्रकार समाज के विवेक रक्षक हैं और समाज की दृष्टि और बौद्धिक चेतना को राष्ट्र के अनुकूल बनाए रखना उनका दायित्व है। उन्होंने सलाह दी कि पत्रकार सच्चाई के साथ खड़े रहें, निर्भीक, निडर रहें और निष्पक्ष रहें क्योंकि यही उनका कर्तव्य है।

भारतीय जन संचार संस्थान के सत्रारंभ कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। पत्रकारिता के मूलमंत्र के विषय में महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए बिरला ने याद दिलाया कि एक पत्रकार का कर्तव्य है कि वह देश के जनमानस को समझकर बिना किसी भय के उसे मुखर अभिव्यक्ति देना है । पत्रकार का दायित्व है कि वह देश की सामाजिक राजनैतिक चेतना का वाहक हो। पत्रकारिता का उद्देश्य मात्र समाज सेवा ही होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के ये वचन, पत्रकारिता के लिए मूलमंत्र है और पत्रकारिता के विद्यार्थियों को इसे आत्मसात करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के इस विचार को भी उद्धृत किया कि लोकतंत्र की सफलता इस बात से निश्चित होती है कि वहाँ की मीडिया कितनी स्वतंत्र है तथा कितनी प्रभावी है।

बिरला ने आगे कहा कि प्रिंट मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के बढ़ते आयाम से पत्रकारिता का दायरा अतीत की तुलना में व्यापक रूप से बढ़ा है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इससे न केवल मीडिया की पहुंच और शक्ति बढ़ी है, परंतु इससे उसका दायित्व भी कई गुना बढ़ गया है। जोर देकर कहा कि वे अपनी स्टोरी से जनता को शिक्षित करें, सही सूचना का प्रसार करें तथा देश में एक रचनात्मक और सकारात्मक संदेश पहुंचाने का प्रयास करें।
मीडिया की सरकारों और राजनैतिक दलों की जवाबदेही तय करने की भूमिका के विषय में बिरला ने कहा कि यह कार्य जनसरोकारों को केंद्र में रखकर ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया शासन-प्रशासन तथा जनता के बीच द्विपक्षीय संवाद को सुगम बनाता है और दोनों के बीच पुल का काम करता है।
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि महामारी के दौर में मीडिया की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया खासकर सोशल मीडिया ने देश और दुनिया में एक बड़ी जनसंचार क्रांति को जन्म दिया है। इसने जन-सामान्य को बड़ी सरलता से आपस में जोड़ा है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रिंट मीडिया की भांति ही सोशल मीडिया की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं के प्रसार से समाज में गलत संदेश जाता है।
साभार-हिस

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