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पाकिस्तानी अखबारों सेः सिंध में लॉकडाउन पर केंद्र व राज्य सरकार में तनातनी ने बटोरी सुर्खियां

  • जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों पर यूरोपियन यूनियन के सांसदों की चिंता को भी दिया महत्व

  • रोजनामा खबरें ने सेना सुधार की कोशिशों पर भारत की तीनों सेनाओं में फूट पड़ने की खबर छापी

नई दिल्ली, पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन को लेकर सिंध प्रांत और केंद्र के बीच तनाव होने की खबरों को प्रमुखता दी है। अखबारों ने लिखा है कि सिंध प्रांत की सरकार ने कोरोना महामारी को कंट्रोल करने के लिए वहां पर सख्त लॉकडाउन लगाने फैसला लिया है जबकि केंद्र ने राज्य सरकार को ऐसा नहीं करने की हिदायत दी है। अखबारों ने लिखा है कि कराची समेत पूरे सिंध में 8 अगस्त तक राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है।
अखबारों ने पाकिस्तानी संसद में महिला सदस्यों के जरिए महिलाओं पर की जा रही जुल्म और ज्यादती के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए बलात्कारियों को सरेआम फांसी दिए जाने की मांग की की खबर को भी महत्व दिया है। अखबारों ने लिखा है कि महिला सांसद बहस के दौरान महिलाओं पर होने वाले जुल्म के खिलाफ रो पड़ीं और उन्होंने सरकार से इसके खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है।
अखबारों ने जम्मू-कश्मीर में दो साल से लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाए जाने के खिलाफ 16 यूरोपियन यूनियन के सांसदों के जरिए आवाज बुलंद किए जाने की खबरें भी अहमियत के साथ प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि यूरोपियन यूनियन के 16 सांसदों ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर चिंता व्यक्त की है। इन सांसदों ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा के बुरे हालात वहां पर पैदा हो गए हैं।
अखबारों ने सऊदी अरब की खुफिया एजेंसी के पूर्व अध्यक्ष तुर्की अल फैसल का बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि ओसामा बिन लादेन को अगर सऊदी अरब के हवाले कर दिया जाता तो अमेरिका में 9/11 जैसी घटना नहीं होती। उनका कहना है कि उन्होंने मुल्ला उमर से भी ओसामा को मांगा था लेकिन उन्होंने उसे उनके हवाले करने से मना कर दिया था।

START UP FED

अखबारों ने गूगल के जरिए कोरोना वायरस से निपटने के लिए पाकिस्तान समेत 5 देशों के लिए 75 लाख डॉलर की मदद देने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि गूगल यूनिसेफ को भी 15 लाख डॉलर की मदद देने जा रहा है। अखबारों ने पाकिस्तान में एक बार फिर महंगाई बम फटने की खबर दी है। अखबारों ने पेट्रोल एक रुपया 70 पैसा और एलपीजी गैस 10 रुपये प्रति किलो महंगी किए जाने की खबर दी है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के लीडर शहबाज शरीफ ने पेट्रोल और रसोई गैस के दाम बढ़ाए जाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए इसे जनता के लिए बेहद खराब फैसला करार दिया है। यह सभी खबरें रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, औसाफ, नवाएवक्त और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं।
रोजनामा खबरें ने एक खबर काफी अच्छी तरह से प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया है कि भारत में सेना में किए जा रहे सुधार के प्रयासों की वजह से तीनों सेना प्रमुखों में आपसी फूट पैदा हो गई है और उनके जरिए एक दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अखबार का कहना है कि वायुसेना संयुक्त कमांड के जरिए किए जा रहे सुधारों से संतुष्ट नहीं है। अखबार ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल बिपिन रावत को संयुक्त कमांड तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अखबार ने लिखा है कि विदेशी मीडिया के हवाले से यह खबर आ रही है कि भविष्य में भारतीय सेना का पुराना ढांचा जंग के लिए बेकार हो गया है। यह ढांचा युद्ध के लिए उचित नहीं है। अखबार का कहना है कि भारतीय सेना के अधिकांश हथियार प्लेटफॉर्म नकारा हो चुके हैं।

APANA BAZAR

रोजनामा दुनिया ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में अर्धसैनिक बल के एक दस्ते पर दस्ती बम से हमले मेंं 4 जवानों के जख्मी होने की खबर को प्रकाशित किया है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इस बीच सेना और अर्धसैनिक बलों ने क्षेत्र की घेराबंदी करके सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। कश्मीर मीडिया सर्विस के अनुसार यह हमला एक अज्ञात व्यक्ति ने किया है। इस हमले में एक नागरिक के भी जख्मी होने की खबर है। हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस के महासचिव मौलवी बशीर अहमद और कश्मीरी नेता ख्वाजा फिरदौस ने जम्मू-कश्मीर में सेना और अर्धसैनिक बलों के सर्च ऑपरेशन में गिरफ्तार बेगुनाह कश्मीरियों की पुलिस हिरासत में मौत होने पर चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
रोजनामा नवाएवक्त ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान हमेशा से जम्मू-कश्मीर समस्या का समाधान चाहता है और इसके लिए बातचीत करने को तैयार है। लेकिन भारत में सक्रिय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस काम में रोड़ा अटका रहा है। अखबार का कहना है कि शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि आरएसएस जैसा संगठन केंद्र की मोदी सरकार को जम्मू-कश्मीर समस्या के समाधान के लिए आगे बढ़ने नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि कश्मीर समस्या का समाधान बातचीत से ही संभव है।
साभार-हिस

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