बीजिंग। चीन में रहस्यमयी बीमारी के बाद अस्पताल में बच्चों की लंबी कतार के बीच वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीमारी को फ्लू और अन्य ज्ञात रोगजनकों के कारण होना बताया है। मंत्रालय ने देश में नए वायरस की आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया। चीन में लगातार सांस की बीमारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी चिंता जता चुका है।
मंत्रालय ने कहा कि देश में बच्चों में तेजी से बढ़ रहा सांस की बीमारी आम वायरस के कारण है। मंत्रालय के प्रवक्ता मी फेंग ने कहा कि यह बीमारी इन्फ्लूएंजा वायरस, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस, एडिनोवायरस के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे बैक्टीरिया के कारण है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में लोगों की संख्या को देखते हुए क्लीनिकों और उपचार क्षेत्रों को खोलने, सेवा के घंटे बढ़ाने और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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देश में सांस संबंधी बीमारी बढ़ने को लेकर मंत्रालय ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्थानीय अधिकारियों से स्कूलों और नर्सिंग होम जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बीमारियों को फैलने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है। मालूम हो कि चीनी अधिकारियों ने इस माह की शुरुआत में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि के लिए कोरोना लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने को जिम्मेदार ठहराया था।
मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में अज्ञात निमोनिया के समूहों पर प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमर्जिंग डिजीज की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन से अधिक जानकारी मांगी थी।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन ने उसके अनुरोध का जवाब दिया है और उसके द्वारा प्रदान किए गए डेटा से पता चलता है कि मामले माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे ज्ञात रोगजनकों के प्रसार के साथ-साथ कोविड प्रतिबंधों को हटाने से जुड़े थे।
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