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खेतों में अब जलाने की जरूरत नहीं, कोयले के साथ होगा प्रयोग
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर।
एनटीपीसी के नये प्रयोग से देश में पर्यावरण को लेकर चिंता का विषय बनी पराली अब सोना उगलेगी। इससे किसान अब मालामाल होंगे। जी हां, यह बात बिल्कुल सच है। आज इनोवेशन के दौर में कुछ भी संभव है। कुछ ऐसा ही एक इनोवेशन सामने आया है कि पराली को अब खेतों में जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यदि अब पराली जलेगी तो यह पर्यावरण के लिए चिंता का विषय नहीं रहेगी, अपितु यह सोना उगलेगी और कई राज्यों को रोशन करते हुए किसानों को मालामाल करेगी।
दरअसल, बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निर्वहन कर रही एनटीपीसी ने कुछ ऐसा ही इनोवेशन किया है, जिसमें पराली का उपयोग बिजली उत्पादन के दौरान किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं के दौर से इसको नए रूप देने की जरूरत होगी।
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हालही में एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक सुदीप नाग ने बताया कि पराली को पैलेट्स के रूप में तैयार कर कोयले के साथ मिलकर बिजली उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। एनटीपीसी के कुछ प्लांट में इसका प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा और खेतों में पराली को अब जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि थर्मल पावर संयंत्र में बिजली उत्पादन के लिए काफी मात्रा में कोयले की जरूरत पड़ती है। ऐसी स्थिति में कोयले के साथ पराली के पैलेट्स मिलकर बिजली उत्पादन के दौरान प्रयोग किया जा सकता है। इससे उत्पन्न होने वाले बिजली से कई राज्यों के घरों को रोशनी मिलेगी और पराली के पैलेट्स की बिक्री से किसानों को आय का एक नया जरिया मिलेगा।
बताया जाता है कि खेतों से पराली निकाल कर प्रक्रिया करके उसके पैलेट्स तैयार किए जाएंगे। ऐसी स्थिति में रोजगार का एक नया क्षेत्र सृजित होगा। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसी स्थिति में पराली हर मौसम में उपलब्ध होती है। यह पराली धान की हो सकती है, गेहूं की हो सकती है या अन्य फसलों की। इसलिए हर सीजन में काम के लिए कच्चा माल हर जगह आसानी से उपलब्ध होगा। हालांकि अब तक पराली का प्रयोग इथेनॉल के निर्माण में किया जाता रहा है, लेकिन अब एनटीपीसी का यह प्रयोग किसानों को मालामाल करने के लिए एक नई दिशा तैयार कर रहा है। बताया जाता है कि एनटीपीसी ने अब तक लाखों मीट्रिक टन की मात्रा में पराली पैलेट्स का प्रयोग बिजली उत्पादन में किया है।