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सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर फिर लगाया विंडफॉल टैक्स

  • कच्चे तेल पर फिर से 6,400 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लगा

  • डीजल के निर्यात पर लागू 50 पैसे प्रति लीटर कर घटाकर शून्य किया

नई दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम में तेजी के बीच सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स (अप्रत्याशित लाभ कर) में संशोधन किया है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के उत्पादित कच्चे तेल पर लगाया गया 6,400 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स 19 अप्रैल से लागू हो गया है। हालांकि, डीजल के निर्यात पर शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया है।

सरकार की ओर से मंगलवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार ओएनजीसी जैसी कंपनियों के उत्पादित कच्चे तेल पर अब 6,400 रुपये प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लगेगा। इससे पहले सरकार ने चार अप्रैल को देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 3,500 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया था। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आना था।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की अधिसूचना के मुताबिक डीजल के निर्यात पर लागू कर को 50 पैसे प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इसके साथ ही एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के निर्यात पर शुल्क शून्य बना रहेगा। पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी पहले से शून्य है। इसका मतलब है कि अप्रत्याशित कर केवल घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर पर ही लगेगा।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर ईंधन पर विंडफॉल टैक्स की दरों की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है। सरकार ने एक जुलाई, 2022 से कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया था। इससे बीते वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है।
साभार -हिस

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