Home / BUSINESS / नॉन बैंकिंग सेक्टर में बैलेंस शीट अच्छी, अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी: नागेश्वरन

नॉन बैंकिंग सेक्टर में बैलेंस शीट अच्छी, अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी: नागेश्वरन

नई दिल्ली, अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी हो गई है, गैर-बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में अब बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में है। सरकार 6.4 फीसदी राजकोषीय घाटे की दिशा में आगे बढ़ रही है। अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने यह बात कही।

डॉ. नागेश्वरन ने मंगलवार को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण की बारीकियों को रखा। उन्होंने कहा कि हमें अब कोरोना महामारी से उबरने की बात नहीं करनी है, हमें अगले चरण की ओर देखना है। वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह 21.3 बिलियन डॉलर था, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 से 76 फीसदी अधिक है। भारतीय फार्मास्युटिकल निर्यात ने वित्त वर्ष 2020-21 में 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। सितंबर 2022 तक फार्मा सेक्टर में संचयी एफडीआई 20 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है।

नागेश्वरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2022-23 तक व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण योजना के अंतगर्त आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने 2982.4 करोड़ रुपये वितरित किया है। सीईए ने कहा कि अंततरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात फीसदी की तुलना में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी।

आर्थिक सर्वेक्षण और इसके मायने

आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति की जानकारी देने और नीतिगत ‘नुस्खे’ सुझाने के लिए केंद्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण आसान शब्दों में देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा होता है। सरकार इस दस्तावेज के जरिए बताती है कि देश की अर्थव्यवस्था किस स्थिति में है। केंद्रीय योजनाएं कितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जबकि पूरे साल विकास का क्या ट्रेंड रहा। किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ।
साभार- हिस

Share this news

About desk

Check Also

कमर्शियल गैस सिलेंडर

कमर्शियल गैस सिलेंडर 20 रुपये तक हुआ सस्ता, नई दरें लागू

नई दिल्ली। सरकार ने चुनावी मौसम में आम आदमी को थोड़ी राहत दी है। तेल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *