Home / National / प्रवासी श्रमिकों ने बढ़ायी शहद की मिठास, पहले शहद उत्पादन का लाभ उठाया

प्रवासी श्रमिकों ने बढ़ायी शहद की मिठास, पहले शहद उत्पादन का लाभ उठाया

लखनऊ। खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा कोविड-19 महामारी को देखते हुए उठाए गए स्व-निरंतरता उपायों के अच्छे परिणाम आने लगे हैं। विपदा में फंसे प्रवासी श्रमिक अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश में केवीआईसी के शहद मिशन में शामिल हुए। श्रमिकों ने पहले शहद उत्पादन का लाभ उठाया है। आशा है दिसम्बर से मार्च महीने में उत्पादन बढ़ेगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पांच प्रवासी श्रमिकों ने मधुमक्खियों के 50 बॉक्स से 253 किलोग्राम शहद निकाला। ये बॉक्स इसी वर्ष 25 अगस्त को उन्हें दिए गए थे। अपरिकृत शहद 200 रुपये प्रति किलो के औसत से बिकता है और इस दर से प्रवासी श्रमिकों को लगभग 50 हजार रुपये प्राप्त होने की आशा है। इसका अर्थ प्रत्येक लाभार्थियों की 10 हजार रुपये की औसत आय है। इस क्षेत्र में केवीआईसी के प्रशिक्षण के बाद 70 प्रवासी श्रमिकों को मधुमक्खियों के 700 बक्से दिए गए थे। मधुमक्खी के शेष बक्सों में से आने वालों दिनों में शहद निकाला जाएगा।

दिसम्बर से मार्च महीने में मधुमक्खियों के इन बक्सों से कम से कम 5 गुना शहद प्राप्त होगा क्योंकि सीजन के दौरान यूकेलिप्टस और सरसो की फसल अपने चरम पर होगा। इनमें से प्रत्येक बक्सों से पीक सीजन में 25 किलोग्राम शहद निकलेगा। मधुमक्खी पालक अपने बक्सों को हरियाणा, राजस्थान तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में भेजने में सक्षम होंगे। इन क्षेत्रों में मधुमक्खियों को पर्याप्त पराग तथा नेक्टर मिलेंगे। इनका इस्तेमाल शहद उत्पादन में होगा।

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा के प्रवासी श्रमिकों को अपनी जड़ों से जुड़ने और स्व-रोजगार प्राप्त करते देख प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में शहद मिशन के साथ अन्य शहरों से अपने घर चले गए श्रमिकों को इस काम में लगाया गया। श्रमिक महज तीन महीनों में अपने बलबूते आजीविका कमा रहे हैं। श्री सक्सेना ने कहा कि आने वालें महीनों में शहद का उत्पादन और श्रमिकों की आय कई गुना बढ़ेगी।

लाभार्थियों ने समर्थन के लिए केवीआईसी को धन्यवाद दिया और कहा कि आयोग ने हमें मधुमक्खी पालन से काम की तलाश में अन्य शहरों में गए बिना अपनी आजीविका अर्जित करने में सक्षम बनाया। सहारनपुर जिला में केवीआईसी के मधुमक्खी पालक अमित कुमार ने कहा ‘मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूं कि आत्मनिर्भर भारत के लिए उनके विजन से हमारे लिए स्थानीय रोजगार सृजन हुआ है। हम पांच श्रमिकों को तीन महीनों में ही 50 मधुमक्खी के बक्से मिले। इनमें से 253 किलोग्राम शहद निकाला गया।’

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत आह्वान को देखते हुए केवीआईसी ने उत्तर प्रदेश तथा बिहार में सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों को शहद मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना और डिग्निटी परियोजनाओं में शामिल किया। उन्हें आवश्यक उपकरण वितरित किए जाने के अतिरिक्त केवीआईसी ने नए मधुमक्खी पालकों को समर्थन देने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया।

Share this news

About desk

Check Also

वीवीपैट पर याचिका में कांग्रेस से संबंध नहीं : जयराम रमेश

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को वीवीपैट पर सुप्रीम निर्णय पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *