-
एकता कपूर जैसे फिल्मकार टीवी सीरियल के माध्यम से महिलाओं पर बुरा प्रभाव डाल रहे
वाराणसी। दक्षिणपंथी सामाजिक कार्यकर्ता काजल हिन्दुस्तानी ने कहा कि हमारा सीधा संघर्ष जिहादियों से है। वर्ष 2030 तक भारत को लव जिहाद मुक्त करके ही मानेंगे। इस देश को बर्बाद करने में बॉलीवुड की फिल्मों का बड़ा योगदान है। काजल हिंदुस्तानी शनिवार को सिगरा स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘संस्कृति संसद’ को सम्बोधित कर रही थी।
संस्कृति संसद के दूसरे दिन संस्कृति, समाज और संस्कार का शत्रु सेंसर बोर्ड विषयक सत्र में काजल हिन्दुस्तानी ने कहा कि भारत भूमि पर कुछ राज्यों में हिंदू का अल्पसंख्यक होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस्लाम और ईसाई आक्रांताओं ने हमेशा सनातन धर्म पर हमला किया है, इसलिए हमें धर्म की रक्षा के लिए योगदान देना होगा। धर्म बचेगा तभी देश बचेगा। काजल ने कहा कि एकता कपूर जैसे फिल्मकार टीवी सीरियल के माध्यम से महिलाओं के ऊपर बुरा प्रभाव डाल रही हैं। कुछ फिल्मों और टीवी सीरियल्स के माध्यम से छद्म नारीवाद का झंडा दिखाकर स्त्रियों को भ्रमित किया जा रहा है।
इस खबर को भी पढ़ेंः-ममता बनर्जी के विजया सम्मिलनी में शुभेंदु को छोड़ सुकान्त-दिलीप आमंत्रित
सत्र की अध्यक्षता करते हुए ज्योत्सना गर्ग ने कहा कि कुछ फिल्म मेकर सनातन के असली शत्रु हैं। कुछ भारतीय फिल्ममेकर वामपंथी एवं विदेशी दबाव में ऐसी विदेशी फिल्मों को प्रदर्शित कर रहे हैं, जिसमे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है। खेद का विषय है कि कुछ हिंदू फिल्ममेकर भी सनातन धर्म को नीचा दिखाने वाली फिल्में बना रहे हैं। देश में मोदी सरकार आने के बाद धर्म और महिलाओं को लेकर सेंसर बोर्ड सजग है।
वक्ता सर्वेश तिवारी श्रीमुख ने सेंसर बोर्ड के सबसे हास्यास्पद स्थिति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जो फिल्म डायरेक्टर्स अश्लील फिल्में बनाते हैं, वही लोग सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बनते आ रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड के फिल्मों की चर्चा करते हुए कहा कि सनातन का अपमान करने वाले लोग जब सेंसर बोर्ड के शीर्ष नेतृत्व में होंगे तो इससे कुछ जड़ा उम्मीद की अपेक्षा भी नही होती। इस सत्र का संचालन गंगा महासभा के राष्ट्रीय मंत्री नवीन तिवारी ने किया।