कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पत्र लिखकर केंद्र की ओर से प्रस्तावित तीन संहिताओं के मसौदे पर विशेषज्ञों की राय लेने की नसीहत दी है।
इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन विधेयकों -भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – को पारित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम पर सवाल उठाया था। इस बार तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गृह मंत्रालय की स्थायी समिति के अध्यक्ष बृजलाल को पत्र लिखकर बिल के मसौदे पर कई सवाल उठाए हैं। डेरेक ने पत्र भेजकर सांसदों को इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए कम समय दिए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए यह पत्र भेजा है।
पत्र में तृणमूल के राज्यसभा नेता ने लिखा कि उन्हें विधेयक का मसौदा 21 अक्टूबर को रात 8:30 बजे मिला। इस लिहाज से उन्हें बिल पढ़ने और अपनी राय देने के लिए सिर्फ पांच दिन का समय दिया गया है। डेरेक ने पत्र में सांसदों के अलावा कुछ विशेषज्ञों की सलाह लेने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह और अवलोकन भारत के 1.4 अरब लोगों के लिए अच्छा होगा। डेरेक ने बंगाल के सांसदों की भागीदारी की भी बात कही। पत्र में उन्होंने लिखा, बंगाल में हाल ही में शारद उत्सव गुजरा है और 28 अक्टूबर तक लक्ष्मी पूजा में सारे लोग रहेंगे। ऐसे में बंगाल के सांसदों को गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष विधेयक पर अपनी बात रखने के लिए अतिरिक्त समय क्यों नहीं मिलेगा?