रायगढ़। रायगढ़ विधानसभा में वोटर करीब ढाई गुना बढ़ गए हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि रायगढ़ में आबादी बसाहट कितनी बढ़ी है। रायगढ़ जिले में केवल रायगढ़ विधानसभा सीट ही ऐसी है जिस पर परिसीमन का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा। मतदाताओं की संख्या में भी रायगढ़ विधानसभा ही सबसे है।
1990 से अब तक हुए सात विस चुनावों में वोटरों की संख्या भी एक निश्चित अनुपात में बढ़ती रही। 1990 से 2023 तक 33 साल में वोटरों की संख्या आनुपातिक रूप से रायगढ़ में ही ज्यादा बढ़ी है। रायगढ़ में यह करीब ढाई गुना हो गई है तो बाकी में दोगुने के आसपास ही रही। खरसिया में वृद्धि दोगुनी से कम रही। रायगढ़ सीट पर 1990 की तुलना में 1993 में करीब पांच प्रतिशत मतदाता जुड़े ।लेकिन उसके बाद 1998 में करीब 15 प्रतिशत इजाफा हुआ।
2003 में दस , 2008 में 30 , 2013 में 17 , 2018 में 12 और 2023 में अब तक करीब 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2008 में अचानक से रायगढ़ सीट पर मतदाता संख्या बढऩे की वजह सरिया सीट का विलोपन है। इस बार के चुनाव में 1 अक्टूबर तक की संख्या के हिसाब से वृद्धि कम है। जबकि बीते सालों का रिकॉर्ड देखें तो 10-15 प्रतिशत इजाफा होना सामान्य है। लैलूंगा एकमात्र ऐसी सीट थी जहां 1990 में एक लाख से कम मतदाता थे। तब यहां 98575 मतदाता थे जो अब 2,04,232 हो गए हैं।