नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होने जा रही जीएसटी की नई दरों से देश के व्यापारी वर्ग को लाभ होगा और उपभोक्ताओं को भी बड़ी बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि ये सुधार स्वतंत्र भारत के सबसे क्रांतिकारी कर सुधारों में से एक हैं, जिनका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को सशक्त करना, उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाना और देश की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर की दिशा में अग्रसर करना है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को एक बयान में कहा कि कैट ने देशभर के सभी व्यापारी संगठनों से जीएसटी दरों में हुई इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि लगभग 400 वस्तुओं को 12 एवं 18 फीसदी के टैक्स स्लैब से हटाकर 5 फीसदी के स्लैब में लाया गया है। इसके अलावा 28 फीसदी के कर स्लैब को खत्म करके अधिकांश वस्तुओं को 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से 15 से 20 फीसदी तक कीमतों में कमी आएगी, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। साथ ही निश्चित तौर पर वस्तुओं का उपभोग भी बढ़ेगा, जिससे व्यापार में भी बड़ी वृद्धि होगी।
सांसद खंडेलवाल ने कहा कि इन सुधारों से डिजिटल भारत, पारदर्शी भारत की अवधारणा को बल मिलेगा, तकनीक-आधारित प्रणाली भ्रष्टाचार कम करेगी, पारदर्शिता बढ़ाएगी और विश्वास कायम करेगी। लघु उद्योग, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और छोटे दुकानदार के सबसे बड़े लाभार्थी होने के कारण आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री मोदी का विजन अधिक मजबूत होगा। खंडेलवाल ने कहा कि ये सुधार केवल प्रशासनिक परिवर्तन नहीं हैं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक उपहार हैं, जो भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के और निकट ले जाएंगे।
साभार – हिस
