नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे सीमा मुद्दे सुलझते जाएंगे, तनाव कम कम होता जाएगा।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 20वें वैश्विक स्थायित्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उनका यह बयान ट्रंप प्रशाासन के नई दिल्ली की रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करने के कुछ ही दिनों बाद आया है। गोयल ने कहा, हम बीटीए के लिए अमेरिका के साथ वार्ता कर रहे हैं। भारत और अमेरिका मार्च से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। 27 अगस्त से 50 फीसदी शुल्क लगाए जाने के बाद अमेरिकी दल ने अगले दौर की वार्ता के लिए भारत का अपना दौरा स्थगित कर दिया है, जो 25 अगस्त से शुरू होने वाली थी। अभी तक छठे दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है।
गोयल ने कहा कि भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, ब्रिटेन और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है। भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि बातचीत अग्रिम चरण में है। उन्होंने यह भी बताया कि वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल इस समझौते पर यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए ब्रसेल्स में हैं।
वाणिज्य मंत्री ने अपने संबोधन में प्रकृति का सम्मान करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की भारत की शाश्वत परंपरा का हवाला देते हुए पिछले 11 वर्षों में स्थायित्व के क्षेत्र में देश की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे उद्योग और स्टार्टअप देश के संरक्षण प्रयासों को मज़बूत कर सकते हैं और ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों को आगे बढ़ा सकते हैं, जिससे विकसित भारत 2047 के विज़न में योगदान मिल सके।
इसके अलावा गोयल ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित बैठक में मोदी और शी जिनपिंग ने भारत-चीन सीमा मुद्दे के “निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य” समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की और वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को मान्यता देते हुए व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिया।
साभार – हिस
