नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अगस्त महीने में शुद्ध रूप से 16.99 लाख सदस्य जोड़े हैं। नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों के बारे में जारी पेरोल आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि ईपीएफओ ने अगस्त, 2023 के दौरान 16.99 लाख शुद्ध सदस्य जोड़े हैं। मंत्रालय ने कहा कि आंकड़ों के सालाना आधार पर तुलना करने पर अगस्त, 2022 के मुकाबले इस साल अगस्त में शुद्ध रूप से सदस्यों की संख्या में मामूली वृद्धि दिखती है। इस अवधि में 3,210 प्रतिष्ठानों ने अपना पहला ईसीआर (इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न) जमा कर कर्मचारियों को ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाया है।
आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के दौरान 9.26 लाख नए सदस्यों ने ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा कवर के तहत नामांकन कराया है। ईपीएफओ में शामिल होने वाले 18-25 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की हिस्सेदारी कुल नए सदस्यों का 58.36 फीसदी है। यह बताता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले अधिकांश युवा बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। इसी तरह नियमित वेतन पर नौकरी पाने वालों का आंकड़ा दर्शाता है कि करीब 11.88 लाख सदस्य जो बाहर चले गए थे, वे फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए हैं। इस दर में सालाना आधार पर 10.13 फीसदी वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के विश्लेषण से ये पता चलता है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक शुद्ध वृद्धि हुई। इन राज्यों में संयुक्त रूप से 9.96 लाख सदस्य अगस्त महीने में बढ़े हैं, जो कुल नए सदस्यों का 58.64 फीसदी है। हालांकि, श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि आंकड़े अस्थायी है, क्योंकि आंकड़े एकत्रित करना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।