अरविंद पनगड़िया ने शनिवार को दो हजार रुपये के करेंसी नोट वापस लेने के फैसले को सही करार देते हुए कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है। उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये के नोट वर्तमान में लोगों के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 फीसदी हैं, जबकि इसमें से ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। आरबीआई के मुताबिक इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे। हालांकि, रिजर्व बैंक ने जारी बयान में कहा है कि अभी चलन में मौजूद दो हजार रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे।
साभार -हिस