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मार्च के दूसरे सप्ताह से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होगी शुरुआत
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बीएसएनएल उपभोक्ताओं को मुफ्त में मॉडम उपलब्ध कराएगा
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने देश के ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड की पहुंच बढ़ाने की कोशिश तेज कर दी है। आने वाले दिनों में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार सस्ती दरों पर 5 लाख से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगाने की योजना पर अमली जामा पहनाने जा रही है। मार्च के दूसरे सप्ताह से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनल) के साथ 250 करोड़ रुपये का करार किया है। बीएसएनएल 250 करोड़ रुपये की इस राशि का उपयोग उपभोक्ताओं को मुफ्त में मॉडम उपलब्ध कराने में करेगी।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इंटरनेट और संचार तंत्र से देश के ग्रामीण इलाकों को भी पूरी तरह से जोड़ने के लिए भारत नेट योजना के तहत केंद्र सरकार ने 5 लाख से ज्यादा फाइबर टू द होम कनेक्शन की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस योजना के तहत इस साल 31 अक्टूबर तक देश के ग्रामीण इलाकों में 5 लाख कनेक्शन लगा देने का लक्ष्य तय किया गया है। आपको बता दें कि भारत नेट योजना के तहत अब तक देश के दो लाख से ज्यादा गांव फाइबर कनेक्शन से जोड़े जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि भारत नेट परियोजना के तहत सरकार ने 2.52 लाख ग्राम पंचायतों को फास्ट स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिहाज से ये विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2011 में इस परियोजना को नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) के नाम से लांच किया गया था, लेकिन साल 2015 में केंद्र सरकार ने इस परियोजना का नाम बदलकर भारत नेट प्रोजेक्ट कर दिया था।
दुनिया के इस सबसे बड़े ग्रामीण ब्रॉडबैंड प्रोग्राम को मेक इन इंडिया प्रोग्राम से कनेक्ट किया गया है, जिसमें विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी नहीं रखी जाएगी। माना जा रहा है कि भारत नेट प्रोजेक्ट के जरिए सरकार की ओर से शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल को भी बढ़ावा मिल सकेगा, क्योंकि इसके जरिए देश के तमाम गांवों तक इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
साभार -हिस