नई दिल्ली, खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पश्चिमी क्षेत्र को 304.65 करोड़ रुपये कर्ज का वितरण किया। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक लंबी छलांग है। पश्चिमी क्षेत्र गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, दमन और दीव, दादरा-नगर हवेली के 1463 लाभार्थियों को 100.55 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान का वितरण किया गया, जो 304.65 करोड़ रुपये के स्वीकृत कर्ज से संबंधित है। पीएमईजीपी के तहत महाराष्ट्र के 654 लाभार्थियों को 24.38 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान की धनराशि वितरित की गई।
केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि पीएमईजीपी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बहुत ही कम लागत पर सुदूर क्षेत्रों में कारीगरों के लिए उनके दरवाजे पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर रहा है। केवीआईसी की पहलों, जैसे कि कुम्हार सशक्तीकरण योजना, शहद मिशन, चर्म कारीगर सशक्तीकरण योजना, अगरबत्ती बनाना, हस्तनिर्मित कागज आदि के माध्यम से उन्नत प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करके अधिक से अधिक कारीगरों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस योजना के तहत कोई भी उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक की इकाई की स्थापना कर सकता है। इन इकाइयों की स्थापना के लिए भारत सरकार शहरी क्षेत्रों के लाभार्थियों को पूरी परियोजना लागत का 15 फीसदी से 25 फीसदी और ग्रामीण लाभार्थियों को 25 फीसदी से 35 फीसदी हिस्सा अनुदान के तौर पर प्रदान करती है।
साभार- हिस
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