-
कहा-अर्थव्यवस्था मजबूत, लेकिन वैश्विक कारणों का पड़ सकता है असर
-
दास ने क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताते हुए इसे प्रतिबंधित करने को कहा
नई दिल्ली/मुंबई, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है। भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां निरंतर मजबूत बनी हुई है। इसके आगे भी मजबूत बने रहने की संभावना है, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘नुकसान’ होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि अंतर्निहित आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। इसके आने वाले समय में भी मजबूत बने रहने की संभावना है। हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश के बाहरी कारक अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें जियो पॉलिटिकल तनाव और वैश्विक मंदी की आशंका शामिल हैं।
आरबीआई प्रमुख ने चेताया कि अगला वित्तीय संकट निजी क्षेत्र के क्रिप्टोकरेंसी से आने वाला है, इसलिए इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है, जो व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। दास ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और आरबीआई के बीच समन्वित प्रयास जारी है।
रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को पहले के सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। हालांकि, फिच सहित कई अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7 फीसदी पर बरकरार रखा है।
साभार-हिस