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शास्त्रीय गायिका सुनंदा पटनायक नहीं रहीं

  • राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने जताया शोक

    भुवनेश्वर. ओडिशा की विशिष्ट शास्त्रीय गायिका सुनंदा पटनायक का निधन हो गया है. वह 85 साल की थीं. कोलकाता के एक निजी अस्पताल में शनिवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली. वह ओडिशा के प्रख्यात कवि बैकुंठनाथ पटनायक की बेटी थीं. उनके निधन पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने शोक जताया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, काफी दिनों से मेडिकल में उनकी चिकित्सा हो रही थी. ओडिशा संगीत अकादमी के साथ-साथ उन्हें अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सुनंदा के जीवन पर निर्मित फिल्म नीलमाधव को राष्ट्रीयस्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुआ था. 2010 में 58वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में श्रेष्ठ डाक्युमेंटरी फिल्म के रुप में इस फिल्म को सम्मानित किया गया था.
    शास्त्रीय गायिका सुनंदा पटनायक के निधन पर मान्यगण्य व्यक्तियों ने गहरा शोक व्यक् किया है. राज्यपाल प्रो गणेशीलाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान समेत अन्य लोगों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. राज्यपाल प्रो गणेशीलाल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत गायिका सुनंदा पटनायक भारतीय शास्त्रीय संगीत के अग्रणी थीं. उन्होंने अपने तरीके से ओडिशी संगीत की श्रेष्ठ विरासत को और समृद्ध करने में योगदान दिया.
    मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय सुनंदा पटनायक ने भारतीय संगीत जगत के महान विभुति के रुप में नाम हासिल किया था. उनका पूरा जीवन संगीत के लिए समर्पित था. उनकी साधना उन्हें अमर बनायेगी. एक महान कलाकार के निधन से भारत के सांस्क़ृतिक जगत के एक उज्ज्वल ज्योति अस्त हो गयी है. उन्होंने शोकसंतप्त परिवार के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के साथ-साथ उनकी अमर आत्मा की सद्गति की कामना की है.

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