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शिशु साथी योजना का लाभ पाने को दर-दर भटक रहा पीड़ित परिवार

अमर नायक, खोरीबाड़ी

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य योजना के तहत चलायी जा रही शिशु साथी योजना का लाभ खोरीबाड़ी क्षेत्र में नही मिलने से पीड़ित परिवार काफी दुखी है। इस कारण पीड़ित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है। वाकया खोरीबाड़ी प्रखंड के गौरसिंहजोत निवासी जनक राय की है। जनक राय के करीब दो वर्ष दस महीने के पुत्र भुवन राय के दिल में छेद है। कई स्थानों में पुत्र का इलाज करवाकर अपनी आर्थिक स्थिति से तंग आकर शिशु साथी योजना के आस में हैं। इस बीच बच्चे का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। जानकारी देते हुए जनक राय ने बताया एक वर्ष पूर्व पुत्र को सर्दी खांसी की शिकायत होने के पश्चात स्थानीय चिकित्सक को दिखाया। ठीक नही होने पर चिकित्सक के सलाह पर नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक से संपर्क कर दिखाया गया। मेडिकल कॉलेज में कई प्रकार का जांच करने के पश्चात रिपोर्ट दिखाने पर चिकित्सक ने बच्चे के दिल में छेद होने की बात बताई। चिकित्सक ने इलाज हेतु कोलकाता या बैंगलोर जाने की सलाह दी, परंतु आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण कोलकाता या बैंगलोर में इलाज करवाना संभव नहीं था। जनक राय ने बताया फिर कुछ लोगों ने शिशु साथी योजना के संदर्भ में जानकारी देते हुए खोरीबाड़ी हॉस्पिटल में आवेदन देने की बात बताई। इसके बाद पांच फरवरी को खोरीबाड़ी हॉस्पिटल में शिशु साथी योजना के तहत इलाज आवेदन व विभिन्न रिपोर्ट सौंपी गयी। हॉस्पिटल में बताया गया कि प्रकिया पूरी होने के बाद इलाज हेतु ख़बर दिया जाएगा, परंतु इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक हॉस्पिटल से कोई सूचना नही मिली। हॉस्पिटल में पूछे जाने पर प्रक्रिया में होने की बात बताते हैं। इस बीच बच्चे का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। शरीर भी काफी दुर्बल होता जा रहा है। शिशु साथी योजना का लाभ मिलने में हो रही देरी को देखते हुए 27 फरवरी को मुख्यमंत्री के द्वारा चलाए जा रहे दीदी के बोलो में भी आपत्ति दर्ज कराई गई है। पुत्र के दिल में छेद और घर में बूढ़े बीमार पिताजी का इलाज करवाना काफी मुश्किल है। एक वर्ष पूर्व पिताजी का ऑपरेशन हुआ था। छोटी किराना दुकान से किसी तरह परिवार का गुजर बसर चल रहा है। अब तो बच्चे का इलाज कैसे होगा समझ से परे है। श्री राय ने बताया बच्चों का इलाज के लिए राज्य सरकार के द्वारा चलाए जा रहे योजना का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा तो फिर योजना का क्या औचित्य है। आखिर गरीब करे तो क्या करे। बच्चे का इलाज नहीं होने से परिवार काफी दुखी हैं। पीड़ित परिवार आर्थिक मदद व संबंधित पदाधिकारियों से अविलंब उचित कदम उठाने की गुहार लगायी है। बहरहाल स्वास्थ्य विभागों की अपनी प्रक्रिया की पेंच में कब तक भुवन राय का इलाज हो पाता है कहना असंभव है। सरकार योजना को पारित तो करती है परंतु योजना का लाभ गरीबों को नसीब होता है या नही कोई देखने सुनने वाला नहीं है। दूसरी ओर खोरीबाड़ी हॉस्पिटल के बीएमओएच डाक्टर प्रफुल्लित मिंज ने बताया उक्त बच्चे का शिशु साथी योजना के तहत इलाज हेतु अविलंब कार्यवाई करते हुए उचित रिपोर्ट के साथ कागजात संबंधित कार्यालय को भेज दिया गया है। संबंधित कार्यालय से सूचना मिलने के बाद ही इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पी मिंज ने बताया बच्चे का इलाज हेतु संबंधित कार्यालय को रिमाइंडर भी भेजा गया है।

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