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बाहरी राज्यों के भक्तों पर लागू होगा नियम
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शनिवार और रविवार को नहीं मिलेगा दर्शन, मंदिर का होगा सेनिटाइज
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श्रीजगन्ना मंदिर प्रशासन ने जारी की नई गाइडलाइन
प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी
पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ के दर्शन के लिए फिर से कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गयी है, लेकिन यह नियम सिर्फ बाहरी राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए ही लागू होगा, क्यों कि बाहरी राज्यों में इन दिनों कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है.
राज्य के साथ-साथ पुरी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शनिवार को भगवान श्री जगन्नाथ के मंदिर के लिए संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) दिशानिर्देश जारी किया है.
संशोधित एसओपी दिशानिर्देश के अनुसार, कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने और मंदिर परिसर को सेनिटाइज करने के लिए हर शनिवार और रविवार को सार्वजनिक दर्शन के लिए मंदिर बंद रहेगा. ओडिशा राज्य के बाहर से मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को मंदिर में उनकी यात्रा से पहले 96 घंटे के भीतर किए गए परीक्षण के कोविद-19 निगेटिव प्रमाण पत्र (आरटी-पीसीसआर) लाना होगा. भक्त यदि कोरोना टीका ले चुके हैं तो उनको दूसरी खुराक का प्रमाण पत्र दिखाना होगा. अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए किसी भी अन्य दिशा-निर्देशों का भी पालन किया जाएगा.
मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को पहचान के लिए अपना फोटो आईडी कार्ड, आधार / मतदाता पहचान पत्र या कोई अन्य फोटो पहचान पत्र लाना आवश्यक होगा. मंदिर के अंदर और बाहर सभी भक्तों के लिए हर समय मास्क पहनना अनिवार्य है. मानदंडों को पूरा न करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा और मंदिर में प्रवेश की अनुमति से इनकार कर दिया जाएगा. मंदिर में दर्शन भक्त के लिए मंदिर की बहार कथा से ही अनुमति होगी. मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को अपने हाथों को सेनिटाइज करना होगा. सभी संबंधितों द्वारा कोविद को लेकर सामाजिक दूरी का पालन करना होगा. भक्तों को मंदिरों में मूर्तियों को छूने की अनुमति नहीं होगी. तम्बाकू या पान चबाना और मंदिर परिसर के अंदर थूकना सख्त मना है. ऐसे प्रत्येक उल्लंघन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. मंदिर के अंदर पॉलीथिन बैग ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध है. प्रत्येक उल्लंघन के लिए रुपये 100 का जुर्माना लगाया जाएगा. भक्तों द्वारा मंदिर के अंदर दीपों के प्रकाश की अनुमति नहीं दी जाएगी. भक्तों को केवल निर्दिष्ट स्थानों पर आनंद बाज़ार और मंदिर परिसर के अंदर महाप्रसाद की अनुमति दी जाएगी. कतार प्रणाली में मंदिर में भक्तों का प्रवेश जूता स्टैंड के सामने बैरिकेड्स से शुरू होगा. सभी भक्त सिंहद्वार में प्रवेश करेंगे और दर्शन के बाद पूर्व द्वार को छोड़कर सभी द्वारों के माध्यम से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी. मंदिर प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि मंदिर के उत्तर-पूर्व की ओर स्थित जूता स्टैंड पर जमा अपने सामान जैसे जूते, मोबाइल वापस लौटते समय हस्ती द्वार से बाहर निकलते समय प्राप्त करें. यह नियम 19 अप्रैल से लागू होंगे. कोविद-19 महामारी के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर एसओपी दिशानिर्देशों की समीक्षा की जाएगी.