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70 प्रतिशत से अधिक सकारात्मक मामलों में घर में संगरोध में हैं रोगी
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सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं
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घर के अलगाव में स्वस्थ होने की दर अस्पताल से है अधिक
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना के मामले अब शिखर हैं, लेकिन आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं. शोध के आंकड़े बता रहे हैं कि घर में संगरोध में रहने पर स्वस्थ दर अस्पताल की तुलना में अधिक है. राहत की बात यह है कि शुक्रवार को 70 प्रतिशत से अधिक सकारात्मक मामले घर में संगरोध में हैं. यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक शालिनी पंडित ने दी. उन्होंने कहा कि जहां तक कोविद-19 महामारी से निपटने का संबंध है ओडिशा में भले ही कोरोना के मामले शिखर हैं, लेकिन देश के अन्य राज्यों की तुलना में हमारा प्रदेश बेहतर स्थिति में है. अब प्रतिदिन 50,000 से अधिक कोरोना जांच ओडिशा में किए जा रहे हैं और सकारात्मकता दर कम है और स्वस्थ होने की दर अधिक है. ओडिशा में देश में कोविद-19 की मृत्यु दर भी सबसे कम है. उन्होंने कहा कि जब 15 मार्च को पहले मामले का पता चला, तो ओडिशा को कोरोना वायरस के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी और सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था. विशेषज्ञों द्वारा एक व्यापक शोध के बाद हमने अब पाया है कि सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि घर के अलगाव में स्वस्थ होने की दर अधिक है.
उन्होंने कहा कि संपर्क में या हल्के लक्षण वाले कोरोना रोगियों को घर में अलगाव में के लिए जाने की अनुमति है. वरिष्ठ अधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों सहित लगभग 70% सकारात्मक मामले अब घर में अलगाव में हैं. घर के अलगाव में रिकवरी बहुत बेहतर है.