Home / Uncategorized / केन्‍द्रीय गृहमंत्री ने झारसुगुड़ा में एमसीएल के उत्कल उपवन की आधारशिला रखी

केन्‍द्रीय गृहमंत्री ने झारसुगुड़ा में एमसीएल के उत्कल उपवन की आधारशिला रखी

सम्‍बलपुर : माननीय गृह मंत्री भारत सरकार श्री अमित शाह ने महानदी कोलफील्‍ड्स लिमिटेड (एमसीएल ) द्वारा विकसित किए जा रहे ‘उत्‍कल उपवन’ की आधारशीला रखी जो ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में पर्यटकों के आकर्षण का केन्‍द्र स्थल बनेगी। माननीय केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री श्री प्रहलाद जोशी एवं कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री अनिल कुमार जैन, आईएएस की उपस्थिति में माननीय केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली से वीडियो कन्‍वफेरसिंग द्वारा ‘उत्‍कल उपवन’ की आधारशिला रखी। ओडिशा राज्य के सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर और अनुगूल जिले में स्थित एमसीएल की सभी क्षेत्रों / इकाइयां व परियोजना क्षेत्रों में वनमहोत्सव -2020 के अवसर पर एक विशेष पौधरोपण अभियान का आयोजन किया गया है। इसी कडी में उत्कल उपवन को विकसित किया जाना है। माननीय गृह मंत्री द्वारा दिल्‍ली में पौधरोपण अभियान के शुभारंभ के दौरान एमसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री बी एन शुक्ला, निदेशक (वित्त)  श्री के आर वासुदेवन, निदेशक (कार्मिक) श्री केशव राव  और निदेशक (तकनीकी / याजना व परियोजना) श्री बबन सिंह आदि ने सम्‍बलपुर में भाग लिया  एवं जागृति विहार और आनंद विहार में कई फलदार पौधे लगाए। इसी प्रकार ओडिशा के एमसीएल की परियोजनाओं के अन्‍तर्गत 19 जगहों पर भी पौधरोपण अभियान चलाया गया, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधि, श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि व एमसीएल के कर्मचारियों ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए बहु संख्‍या में भाग लिया। फलदार वृक्ष लगाने पर विशेष रूप से ध्‍यान देते हुए इस स्‍वतंत्र फलदार पौधरोपण ड्राइव एवं हरे भरे पर्यावरण बनाए रखने के कार्यक्रम के दौरान , एमसीएल के आस पास के कोयलाचंल में 17000 से अधिक पौधे लगाए गए, जबकि पौधरोपण के लिए लगभग 37,000 पौधों को मुफ्त वितरित किए  गए । एमसीएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1.22 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई है। एमसीएल ने ओडिशा राज्य में लगभग साठ लाख पेड लगाए हैं । एमसीएल द्वारा अपने कोयलाचंल के चतुपार्श्‍व क्षेत्रों में फलदार पौधरोपण करने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

‘ उत्‍कल उपवन ’

कोल इंडिया लिमिटेड की एक अग्रणी सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) द्वारा वीर सुरेंद्र साय हवाई अड्डे,  झारसुगुड़ा से 30 मिनट की दूरी पर स्थित लखनपुर क्षेत्र के अन्‍तर्गत  “उत्कल उपवन , लीलारी ” को पयर्टन स्‍थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस इको-पार्क में साइक्लिंग और वॉकिंग ट्राक्‍स, बाल उद्यान, टॉय ट्रेन, माइन म्यूज़ियम, साहसिक खेल सुविधा,  जैसे बोटिंग, स्केटिंग, चढ़ाई, तीरंदाजी आदि,  वनस्पति उद्यान, भोजन आदि, सभागार और सुविधापूर्ण कॉटेज आदि सुविधाऍं उपलब्‍ध होंगी। नौ-होल वाले गोल्फ कोर्स तथा कोइलीघूघर जलप्रपात के समीप होने के कारण, ‘ उत्‍कल उपवन ‘ पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ साथ स्थानीय लोगों के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

Share this news

About desk

Check Also

ODISHA CM MAJHI इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए ओडिशा बने आदर्श गंतव्य : मोदी कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके। इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं। तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर की खासियत जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।

ओडिशा में सभी 30 जिलों में उद्योग स्थापना के लिए पार्क बनेंगे

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *