Home / Uncategorized / आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म में किया बदलाव

आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म में किया बदलाव

  • देनी होगी टैक्स नहीं काटे जानी की जानकारी

नई दिल्‍ली। आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिए इसमें कुछ अहम बदलाव किए हैं। विभाग ने इनमें टैक्‍स (कर) की कटौती नहीं करने के कारणों की जानकारी देने को अनिवार्य कर दिया है। वहीं, बैंकों को नए फॉर्म में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर ‘स्रोत पर की गई कर की कटौती’ (टीडीएस) की जानकारी भी देनी होगी।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक ई-कॉमर्स ऑपरेटरों, म्यूचुअल फंड और कारोबारी ट्रस्टों की ओर से लाभांश वितरण, नकदी निकासी, प्रोफेशनल्स फीस शुल्क और ब्याज पर टीडीएस लगाने के लिए आयकर नियमों में भी बदलाव किया है। सीबीडीटी के मुताबिक ये बदलाव आयकर एक्ट 2020 के तहत किया गया है।

एक्‍सपर्ट के मुताबिक देनी होगी ये जानकारी

आयकर विभाग के इस बदलाव को लेकर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स अमित रंजन का कहना है कि पहले की तुलना में नया टीडीएस फॉर्म व्यापक है। इसमें जिस रकम पर टीडीएस कटा है, उसके बारे में जानकारी तो देनी ही होगी। इसके अलावा अब करदाताओं को वो रकम भी डिसक्लोज करना अनिवार्य होगा, जिसपर किसी वजह से टीडीएस नहीं कटा है। कम दर पर टीडीएस कटने या टीडीएस बिल्कुल नहीं कटने की विभिन्न स्थिति के लिए अलग-अलग कोड उपलब्ध कराया गया है। वहीं, नियम 31-A में संशोधन के बाद ये अनिवार्य हो गया है कि करदाताओं को उस रकम के बारे में भी जानकारी देनी है, जिसका उसने भुगतान किया है या क्रेडिट किया है। लेकिन, इस पर टैक्स नहीं कटा है या कम दर पर टैक्स कटा है।

फॉर्म 26क्यू और 27क्यू में भी हुआ बदलाव 

आयकर विभाग ने फॉर्म 26क्यू (26Q) और 27क्यू (27Q) के फॉर्मेट को भी संशोधित किया है, जिसमें ​विभिन्न आवासीय भुगतान पर टीडीएस कटने और डिपॉजिट करने के बारे में जानकारी देनी है। इसमें गैर-आवासीय भुगतान पर कटने वाले टीडीएस के बारे में भी जानकारी देनी होगी।

ज्यादा कैश निकालने पर देना होगा टैक्स

नया फॉर्म को 1 जुलाई, 2020 से ही लागू कर दिया गया है। आयकर विभाग ने टीडीएस नियमों में संशोधन करते हुए ज्यादा मदों में कैश निकासी करने वालों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न से लिंक कर दिया है। इसमें कोई भी बैंक, सहकारी संस्थान या पोस्ट ऑफिस से कैश निकालने वालों को शामिल किया जाएगा।

आयकर दाखिल करने की स्थि‍ति में:- इसके तहत अगर कोई व्यक्ति ​बीते 3 साल से आयकर रिटर्न दाखिल कर रहा है और सालाना एक करोड़ रुपये तक का कैश निकासी करता है तो उन्हें कोई टीडीएस नहीं देना होगा। लेकिन, ​कैश निकासी की रकम एक करोड़ रुपये से अधिक होती है तो उन्हें 2 फीसदी टीडीएस देना होगा।

आयकर दाखिल नहीं करने की स्थिति में:- इस नियम में ये भी कहा गया है कि यदि किसी ने पिछले 3 साल में आयकर रिटर्न ​दाखिल नहीं किया है और सालाना 20 लाख रुपये तक कैश निकासी करता है तो उन्हें टीडीएस नहीं देना होगा। वहीं, आईटीआर दाखिल नहीं करने की स्थिति में 20 लाख रुपये एक रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक के कैश निकासी पर 2 फीसदी टैक्स देना होगा, जबकि एक करोड़ रुपये से अधिक के कैश निकासी पर ये दर 5 फीसदी होगा।

साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

ODISHA CM MAJHI इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए ओडिशा बने आदर्श गंतव्य : मोदी कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके। इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं। तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर की खासियत जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।

ओडिशा में सभी 30 जिलों में उद्योग स्थापना के लिए पार्क बनेंगे

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *