नई दिल्ली। देशभर में विभिन्न वर्गो के बीच हुए एक सर्वे में 98.8 फीसदी लोगों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का समर्थन किया है। ये सर्वे कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कराया है, जो 19 जून से लेकर 27 जून तक चला। सर्वे में देश के सभी राज्यों के 9735 लोगों ने अपनी राय जाहिर की। सर्वे में चीन के साथ चल रहे वर्तमान हालात से संबंधित 9 प्रश्न पूछे गए थे, जिनमें सभी प्रश्नों का जवाब 90 फीसदी से ज्यादा लोगों ने हां में दी है।
कैट के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को सर्वे के नतीजों का खुलासा करते हुए बताया कि 9 दिन तक हुए इस ऑनलाइन सर्वे में व्यापारियों, लघु उद्योग, किसान, हॉकर्स, उपभोक्ता, स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी, ग्रहणी, कामकाजी महिलाएं, विद्यार्थी और सामाजिक संगठनों के साथ अनेक वर्गों के लोगों ने उत्साहपूर्वक सर्वे में भाग लिया। कैट ने करीब 11 हजार लोगों को सर्वे फॉर्म भेजा, जिसमें से 9735 लोगों ने अपनी राय दी। कैट ने कहा कि इससे ये साफ़ जाहिर होता है की इस मुद्दे पर सारा देश चीन के खिलाफ एकजुटता के साथ खड़ा है और किसी भी कीमत पर चीन को सबक सिखाना चाहता है।
खंडेलवाल ने बताया कि सर्वे में लोगों से 9 सवाल पूछे गए थे, जिसमें पहला सवाल था कि क्या आप चीन द्वारा भारतीय फौजों के खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत मानते हैं, जिसका 95.8 फीसदी जवाब हां था। दूसरा सवाल क्या भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत से आप दुखी हैं, जिसका 99.9 फीसदी लोगों ने जवाब हां में दिया। तीसरा सवाल अब बहुत हो चुका, क्या चीन को अब सबक सिखाना चाहिए, जिसका 97.6 फीसदी लोगों ने जवाब हां में दिया। चौथा सवाल क्या आप भारतीय फौजों के साथ मजबूती से खड़े हैं, जवाब में 98.8 फीसदी लोगों ने कहा हां। पाचवां सवाल क्या आप चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के पक्ष में हैं, जिसका 98.8 फीसदी लोगों ने जवाब हां में दिया।
इसी तरह छठे प्रशन क्या आप चीनी सामान न खरीदने अथवा बेचने की शपथ लेते हैं, जिसका 97.8 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। सातवें प्रश्न क्या आप इस बात से सहमत हैं कि फिल्म और क्रिकेटर स्टारों को चीनी सामानों का विज्ञापन नहीं करना चाहिए, जिसका 93.0 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। इसके अलावा आठवें सवाल क्या आप इस बात से सहमत हैं की भारत को चीनी कंपनियों को दिए गए सभी अनुबंध रद्द कर देने चाहिए, जिसका 96.5 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। वहीं, नौवें सवाल क्या आप इस बात से सहमत हैं चीनी कंपनियों द्वारा भारतीय स्टार्टअप्समें निवेश किया गया पैसा चीनी लोगों को वापस लेना चाहिए, जिसका 92 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया।
खंडेलवाल ने कहा की सर्वे के सभी प्रश्नों के नतीजे के रूप में भारतीयों ने बड़ी संख्यां में चीन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सर्वे की ख़ास बात ये रही की 9 दिनों तक चलने वाले सर्वे में सभी प्रश्नों के उत्तरों का प्रतिशत भी करीब एक जैसा रहा, जो इस बात को दर्शाता है कि देशभर के लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय बहुत स्पष्ट तौर पर दी है। इससे किसी प्रकार का कोई भ्रमनहीं है। उनहोंने कहा कि कि सर्वे के नतीजों से कैट को अब और अधिक आक्रामतकता के साथ देशभर में चीनी वस्तुओं के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ को चलाया जा सकेगा।
साभार-हिस