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जेएसपीएल ने स्टील निर्यात का रिकॉर्ड बनाया

  • कोविद-19के कारण देशव्यापी लॉकडाउन की चुनौती के बावजूद निर्यात में 109 फीसदी की उछाल

  • आने वाले महीनों के लिए भी हैं बड़े ऑर्डर

  • लॉकडाउन खत्म होने के बाद घरेलू बाजार से मांग निकलने की उम्मीद

भुवनेश्वर. नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने कोविद-19 संकट को धता बताते हुए निर्यात क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कंपनी ने अप्रैल महीने में 248,000 टन स्टील और संबंधित उत्पादों का निर्यात किया, जो मार्च 2020 के मुकाबले 109 फीसदी अधिक है. इसके साथ ही अप्रैल माह में कंपनी की कुल बिक्री में निर्यात हिस्सेदारी 74 फीसदी दर्ज की गई है.

कंपनी के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने जेएसपीएल के कर्मचारियों और अधिकारियों के उत्साह, संकल्प और समर्पण को इस सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि जहां दुनिया दीवार देखती थी, हमारे संस्थापक चेयरमैन ओपी जिन्दल  द्वार देखते थे. उनके दिखाए मार्ग पर चल कर ही चेयरमैन नवीन जिन्दल के दूरदर्शी नेतृत्व में जेएसपीएल की अनुभवी टीम सफलता के नए सोपान गढ़ रही है. देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कंपनी की घरेलू इकाइयों ने अप्रैल माह में 550,000 टन लोहा-स्टील का उत्पादन कर शानदार 5 फीसदी की वृध्दि दर्ज की, जबकि इसी अवधि में जेएसपीएल ग्रुप ने कुल 655,000 टन उत्पादन कर सफलता के झंडे गाड़ दिये.

शर्मा ने कहा कि मार्च महीने के तीसरे सप्ताह तक कोविद-19 पूरे देश में फैल गई, जिस कारण सरकार को लॉकडाउन करना पड़ा और पूरी अर्थव्यवस्था इस महामारी के शिकंजे में आ गई. इन परिस्थितियों में घरेलू बाजार की नाजुक स्थिति को देखते हुए निर्यात की ठोस रणनीति बनाई गई. बड़े पैमाने पर ऑर्डर बुक किये गए ताकि फैक्टरियां निर्बाध गति से चलती रहें और कंपनी का आर्थिक स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहे. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि रेल विभाग और पारादीप, विशाखापट्टनम व गंगावरम् बंदरगाह प्रबंधन के सराहनीय सहयोग की बदौलत हम राष्ट्र के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सफल हुए हैं. उन्होंने कहा कि टीम जेएसपीएल पूरे उत्साह में है और चीन, मलयेशिया, जर्मनी, स्पेन, इटली, डेनमार्क, फ्रांस, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को निरंतर अपने उत्पाद निर्यात कर रही है. हम हाई स्पीड रेल के लिए फ्रांस को ब्लूम्स का निर्यात भी कर रहे हैं.

अनुगूल प्लांट स्थित देश के सबसे बड़े ब्लास्ट फरनेस की उपलब्धियां गिनाते हुए शर्मा ने कहा कि यहां अप्रैल माह में 298,000 टन हाट मेटल का उत्पादन हुआ. इसके साथ ही प्रति कार्यदिवस औसत 10 हजार टन हाट मेटल का उत्पादन इस ब्लास्ट फरनेस से हो रहा है.  कंपनी के कारोबार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में जेएसपीएल की घरेलू इकाइयों ने 335,000 टन की बिक्री की और शेष उत्पाद बंदरगाहों पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, जो मई माह में अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे. इसी माह जेएसपीएल ग्रुप ने 456,000 टन स्टील और संबंधित उत्पादों की बिक्री की. ओमान स्थित जिन्दल शदीद ने अप्रैल माह में 106,000 टन स्टील का उत्पादन और 120,000 टन की बिक्री की.

शर्मा ने बताया कि संकट की इस घड़ी में जेएसपीएल ने अपने सभी प्लांटों में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप कंपनी अपने सभी कार्यालयों और प्लांटों में फिजिकल डिस्टेंसिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने निर्यात मोर्चे पर जेएसपीएल को सहयोग एवं प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेलमंत्री पीयूष गोयल, स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया का आभार जताया. शर्मा ने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन खुलने के बाद हालात सुधरेंगे और घरेलू बाजार से भी मांग निकलेगी. मध्यम एवं लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी की करीब 450 परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा को उद्योगों के लिए शुभ संकेत बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश भर में कारोबार और रोजगार दोनों के लिए बेहतरीन अवसर उपलब्ध होंगे.   जेएसपीएल ने भारतीय रेल के लिए आर 260 ग्रेड पटरियां विकसित की हैं जो मौजूदा 64 के मुकाबले प्रति वैगन 75 टन का भार सहन कर सकेंगी. इसी तरह कंपनी ने विशेष तरह की प्लेट और राउंड बिलेट्स भी विकसित किये हैं.

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